आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोला है। अखिलेश ने कहा कि राजधानी सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कोरोना संक्रमण, व्हाइट और ब्लैक फंगस का प्रकोप थम नहीं रहा है, आवश्यक दवाओं, इंजेक्शन और वैक्सीन का टोटा चल रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री की टीम-9 और टीम-11 का अतापता नहीं है। खुद बिगड़ते हालात पर निगहबानी करके उन्हें सुधारने में समय देने के बजाय मुख्यमंत्री मैराथन दौरे पर हैं, जिनका औचित्य क्या हो सकता है सिवाय सरकारी संसाधनों और समय के दुरुपयोग के? वे व्यवस्था में सुधार के लिए नहीं राजनीतिक रणनीति साधने के लिए दौरे कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने जारी अपने बयान में सीएम योगी पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार के लिए अब समय ही कितना बचा है? मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि जब अब तक 35 लाख ही वैक्सीन की दूसरी डोज लगी है तो दीवाली तक सबके टीकाकरण के दावों का क्या होगा? अब तो वैक्सीन की कमी की भी रिपोर्टें आने लगी है। बड़ी संख्या में नौजवान, बुजुर्ग अस्पतालों में जाते हैं और निराश लौट जाते हैं।
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इतना ही नहीं योगी सरकार से सवाल करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि पीएचसी केंद्रो की दुर्दशा देखकर भी यह सरकार अनदेखा कर रही है। कोविड सेंटरों में अगली तैयारी की दिशा में संसाधनों की कमी दूर करने के लिए क्या हो रहा है? राजधानी में ही जीवन रक्षक इंजेक्शन की कालाबाजारी है, सरकार अपने अस्पतालों में ही उन्हें उपलब्ध नहीं करा पा रही है। सच तो ये है कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को बीमारू प्रदेश बना दिया है।
साथ ही कहा कि गांवो में हालात चिंतनीय है, जांच और दवा दोनों का अकाल है। वहां बुखार की सामान्य दवा पैरासिटामाल तक उपलब्ध नहीं हो रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दुर्दशा है। अपने शासन काल के चार वर्षो में भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य ढांचे को बर्बाद करने के सिवाय कुछ नही किया। अगर भाजपा सरकार सपा सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था को ही बनाए रखती तो ये बुरे दिन देखने को नहीं मिलते।