आरयू संवाददाता, मथुरा। यूपी के मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेस पर थाना नौहझील के निकट गुरुवार को एक दो सीट वाले एक निजी विमान की आपातकालीन लैंडिंग कराई गई। विमान के पायलट और को-पायटल सुरक्षित हैं। इस विमान ने अलीगढ़ से उड़ान भरी थी और ये नारनौल जा रहा था। विमान की लैंडिंग की सूचना के बाद आसपास के गांवों के लोग यमुना एक्सप्रेसवे पर पहुंच गए। जिसके बाद एक्सप्रेसवे कर्मचारियों ने लोगों को विमान के पास जाने से रोका।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान की तेल की सप्लाई बंद हो गई और जिसकी वजह से एयर क्राफ्ट नीचे गिरने लगा। पायलट ने एयर क्राफ्ट को आपातकाल की स्थिति में यमुना एक्सप्रेस वे पर सुरक्षित उतार लिया। एयर क्राफ्ट की आपात लेडिंग की जानकारी मिलने पर थाना नौहझील पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और ट्रैफिक को रोक दिया गया। इसके बाद पुलिस ने मथुरा से नोएडा की तरफ जाने वाले ट्रैफिक का डायवर्जन कर दिया। अभी एयर क्राफ्ट एक्सप्रेस वे पर ही खड़ा हुआ है।
यमुना एक्सप्रेसवे पर इससे पहले लड़ाकू विमान उतारे जा चुके हैं। दरअसल, यह पूरा एक्सप्रेसवे सीमेंट और कंकरीट से बना है। इसका आधार भी इतना मजबूत है कि यह एक ही स्थान पर 20 टन से ज्यादा का दबाव सह सकता है, जबकि लड़ाकू विमान का वजन इसके आधे से भी कम होता है। यह एक के बाद एक कई विमानों का दबाव सहने की स्थिति में है।
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इसके अलावा यह एक्सप्रेसवे दोनों तरफ से कटीले तार से घिरा हुआ है। इससे किसी जानवर या अन्य के अचानक सड़क पर आने की संभावना भी नहीं है। विमानों की लैंडिंग के लिए जो सबसे अहम होता है, वह रनवे का समतल और अवरोधविहीन होना। यमुना एक्सप्रेसवे इस मायने में भी खरा है। टोल प्लाजा वाले स्थानों को छोड़कर लंबी दूरी तक यह समतल है। इससे जमीन पर उतरने के बाद विमान असंतुलित नहीं हो सकता।
रोड रनवे का प्रयोग इमरजेंसी लैंडिंग के लिए ही होता है। इस सफल परीक्षण के बाद खेरिया और हिंडन स्थित एयरपोर्ट के प्रबंधन को भविष्य में काफी सहूलियत मिल सकती है। यह दोनों एयरपोर्ट एयरफोर्स के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। यहां विमानों का ट्रैफिक ज्यादा रहता है। ऐसे में इमरजेंसी के वक्त रनवे के रूप में विमानों की लैंडिंग के लिए इन दोनों एयरपोर्ट के प्रबंधन के पास यह बेहतर विकल्प होगा।