आरयू ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार में मंत्रियों पर अफसरशाही कितनी भारी पड़ रही है, इसकी बानगी आज एक बार फिर सामने आयी है। अपने ही विभाग के अधिकारियों के कारनामों से तंग आकर यूपी के जल शक्ति मंत्री दिनेश खटीक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के साथ ही दिनेश ने अफसरों पर अपनी उपेक्षा करने के साथ ही भ्रष्टाचार के कई संगीन आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। इससे पहले वह मंगलवार को हुई यूपी कैबिनेट की बैठक में भी शामिल नहीं हुए। अपनी नाराजगी के चलते दिनेश खटीक ने गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिख अपना दर्द बयान करने के साथ ही अधिकारियों के कारनामों की जांच की मांग भी की है।
योगी के मंत्री ने कहा है कि दलित होने के नाते उनके विभाग के अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे थे। इस बारे में उन्होंने प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग को अवगत कराना चाहा तो उन्होंने भी बिना पूरी बात सुने ही फोन काट दिया। दिनेश खटीक के अनुसार जल शक्ति विभाग के अधिकारियों ने तबादलों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना नमानि गंगे और हर घर जल योजना में भी भ्रष्टाचार व गड़बड़ी की है और जानकारी मांगने पर भी वह कुछ नहीं बता रहें हैं।
साथ ही दिनेश ने कहा कि दलित वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए सरकार से जुड़ा था। पर इस सरकार में उन्हीं की उपेक्षा हो रही है। दलितों और पिछड़ों का अपमान हो रहा है। दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। वहीं कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं होने के बाद से मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दिनेश खटीक से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन बंद आया।
वहीं अमित शाह को भेजे अपने इस्तीफे में जलशक्ति विभाग के राज्यमंत्री ने अपनी सरकार पर आरोप लगाया कि वह दलित हैं, इस वजह से उन्हें अनसुना कर दिया जाता है। दिनेश खटीक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिख अपने त्याग पत्र कहा है कि अन्याय को लेकर मैंने अफसरों को अवगत कराया, पर उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में मेरा ही नहीं बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान हो रहा है।
चिट्ठी में दिनेश खटीक ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘इस विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। नामामि गंगे योजना के अंदर भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार फैला हुआ है जो ग्राउण्ड पर जाने पर पता चलता है, लेकिन जब मैं कोई शिकायत किसी भी अधिकारी के विरूद्ध करता हूं तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। चाहें तो इसकी किसी भी एजेंसी से जांच कराई जा सकती है। यही नहीं दिनेश खटीक ने विभाग में स्थानांतरण और नमामि गंगे योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया है।
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दिनेश खटीक ने कहा कि ‘इस विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। हर घर जल योजना के नियमों भी अनदेखी हुई। मेरे विभाग में स्थानांतरण के नाम पर गलती तरीके से पैसों की वसूली की गई। मैं विभागाध्यक्ष से जब इस बारे में पूछा तो उनकी ओर से फिलहाल कोई एक्शन न लिया गया।
बता दें कि दिनेश खटीक, हस्तिनापुर विधानसभा से बीजेपी विधायक है और वह राज्य सरकार में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री हैं। इससे पहली सरकार में भी दिनेश खटीक राज्य मंत्री थे।