योगी की कैबिनेट में किरायेदारी पर स्टाम्प शुल्क से लेकर वृद्धावस्था पेंशन तक कई अहम प्रस्ताव को मंजूरी

यूपी कैबिनेट
मंत्रियों के साथ कैबिनेट बैठक करते सीएम योगी।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक सम्पन्न हुई। कैबिनेट में दस साल तक के किरायेदारी पर स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस में बड़ी राहत के साथ अब चैनमैन भी बन सकेंगे लेखपाल, नई नियमावली को मंजूरी मिली है। साथ ही दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान कानून में बड़ा संशोधन, अब पूरे प्रदेश में लागू अधिनियम के साथ कई चीजें शामिल है, जिन्हें कैबिनेट में मंजूरी मिली है।

शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में दस साल तक की अवधि वाले किरायानामा विलेखों पर स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्री फीस में व्यापक छूट देने का फैसला लिया गया। ये कदम आने वाले वर्षों में रेंट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाने, मालिक और किरायेदार संबंधों को बेहतर बनाने और लंबे समय से चली आ रही अनौपचारिक किरायेदारी की समस्या को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

कैबिनेट के फैसले के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अभी तक अधिकांश किरायानामे मौखिक होते हैं। यदि लिखित होते भी हैं तो उनकी रजिस्ट्री नहीं कराई जाती। इससे भवन स्वामी और किरायेदार के बीच छोटे-छोटे विवाद भी बड़े कानूनी विवादों का रूप ले लेते हैं। सरकार चाहती है कि किरायेदारी विनियमन अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन हो, जिसके लिए रेंट एग्रीमेंट का लिखित और पंजीकृत होना अत्यंत आवश्यक है। अब शुल्क कम होने से लोग आसानी से रेंट एग्रीमेंट पंजीकृत कराएंगे और अनावश्यक विवादों की संभावना घटेगी। इससे प्रशासनिक पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

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साथ ही बताया कि मौजूदा नियमों के अनुसार एक साल से अधिक अवधि की किरायेदारी की रजिस्ट्री अनिवार्य है, लेकिन इसकी जानकारी और जागरूकता की कमी, साथ ही अधिक शुल्क होने के कारण लोग इसे कराने में हिचकते थे। कई बार यह भी देखा गया कि बिजली विभाग या जीएसटी विभाग की जांच के दौरान पता चलता है कि किरायेदारी विलेख बिना रजिस्ट्री के चल रहा है। इसके बाद स्टाम्प शुल्क की अधिक धनराशि वसूलनी पड़ती है, जिससे असुविधा बढ़ती है। सरकार का मानना है कि यदि शुल्क अधिक होगा तो आमजन औपचारिक किरायेदारी से बचते ही रहेंगे। इसलिए शुल्क को ‘सुलभ और सीमित’ करना जरूरी था। नई व्यवस्था के तहत किरायेदारी विलेख पर अधिकतम स्टाम्प शुल्क और अधिकतम रजिस्ट्री शुल्क की निश्चित सीमा निर्धारित की गई है।

इन प्रस्ताव को मंजूरी
लेखपाल सेवा नियमों में बदलाव

कैबिनेट ने लेखपाल सेवा नियमों में भी बड़ा बदलाव किया है, जिसके तहत अब चैनमैन को पदोन्नति के आधार पर लेखपाल पद पर पदोन्नत किया जाएगा। यह व्यवस्था पहली बार लागू हो रही है, जिससे विभाग की कार्यक्षमता बढ़ेगी और जमीनी स्तर पर योजनाओं का क्रियान्वयन तेज होगा।

बागपत में मेडिकल कॉलेज की स्थापना

प्रदेश कैबिनेट ने बागपत में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए 5.07 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव अनुमोदित किया। इससे बागपत जिले के लोगों को बेहतर चिकित्सा शिक्षा की सुविधा मिलेगी।

दुकान-वाणिज्य अधिष्ठान कानून में संशोधन

अब यह कानून पूरे प्रदेश के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में लागू होगा। इससे 20 या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कानूनी संरक्षण मिलेगा और कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित होगी।

वृद्धावस्था पेंशन के लिए नया तरीका

अब वृद्धावस्था पेंशन के लिए अलग से आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। फैमिली आइडी के जरिए पात्र वरिष्ठ नागरिकों का स्वतः चिन्हीकरण होगा और उनकी सहमति मिलने पर पेंशन स्वीकृत की जाएगी।

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