आरयू ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में टोल फ्री सीएम हेल्पलाइन नंबर 1076 का शुभारंभ किया। जिसकी सहायता से शिकायतकर्ता अब घर बैठे ही यूपी में कहीं से भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि अब तक प्रदेश के दूरदराज के इलाकों से लोगों को रुपये खर्च कर अपनी समस्या के हल के लिए लखनऊ आना पड़ता था। हेल्पलाइन शुरू होने से शिकायतकर्ता घर बैठकर अपनी समस्या शासन तक पहुंचा पाएंगे।
सीएम ने कहा कि हेल्प लाइन के शुरू होने से 500 युवाओं को रोजगार मिला। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों के समय पर समाधान का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हर महीने के अंत में वह स्वयं हेल्पलाइन में आई शिकायतों में से 100 मामलों का चुनाव कर शिकायतकर्ता से खुद फीडबैक लेंगे। अगर शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय होगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसे अधिकारियों के एसीआर से जोड़ा जाएगा। हेल्पलाइन की सबसे खास बात ये है कि इससे पुलिस और हेल्थ विभाग भी जुड़े रहेंगे।
इस दौरान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, मंत्री मोहसिन रजा और मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री के इस हेल्पलाइन कॉल सेंटर में 500 सीटों की व्यवस्था है, जहां सप्ताह के सातों दिन और 24 घंटे लोगों की शिकायतों को सुना जाएगा और उसे दर्ज किया जाएगा। इतना ही नहीं संबंधित विभाग उनसे जुड़ी शिकायतों के निस्तारण और उसकी मोनिटरिंग भी करेंगे साथ ही शिकायतों के निस्तारण का 100 प्रतिशत फीडबैक भी लिया जाएगा।
ये होगी हेल्पलाइन की खासियत
यूपीडिस्को के अपर मुख्य सचिव अलोक सिन्हा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत शिकायतों के प्रभावी निस्तारण के लिए की गई है। सीएम हेल्पलाइन दरअसल में एक कॉल सेंटर है। अब तक शिकायतकर्ता अपनी शिकायतों को कागजों के माध्यम से शासन और प्रशासन के पास पहुंचाते थे, लेकिन अब टोल फ्री नंबर 1076 की मदद से लोग अपनी शिकायतों को फोन पर ही दर्ज करा सकेंगे।
इस कॉल सेंटर की क्षमता 500 सीटों की है, जिसे बढ़ाकर 1000 तक किया जा सकता है। मौजूदा समय में इस कॉल सेंटर से रोजाना 88 हजार इनबाउंड कॉल रिसीव करने की क्षमता है, जबकि 55 हजार आउटबाउंड कॉल्स की क्षमता है।
मॉनिटरिंग की होगी ये सुविधाएं
उन्होंने बताया कि इस कॉल सेंटर की खासियत यह है कि इससे पुलिस विभाग और स्वास्थ्य विभाग को भी जोड़ा गया है। अगर किसी को यह नहीं पता है कि उसे 100 नंबर पर डायल कर पुलिस की सहायता लेनी है या फिर एम्बुलेंस के लिए 108 डायल करना है तो वह इस हेल्पलाइन नंबर पर डायल कर भी सुविधा प्राप्त कर सकता है। इस कॉल सेंटर को आइटी की मदद से इंटीग्रेट किया गया है।
लोगों की समस्याओं के निस्तारण के लिए कई लेवल पर विभिन्न विभागों में अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग होगी। समस्या किस लेवल की है। अगर वह पहले ही लेवल पर निस्तारित हो सकती है तो उसे वहीँ निस्तारित किया जाएगा। वरना उसे सेकंड लेवल के अधिकारी के पास भेजा जाएगा। इसकी एक और खासियत है कि इसमें शिकायतकर्ता से फीडबैक लेते हुए पूछा जाएगा कि वह निस्तारण से संतुष्ट है कि नहीं। अगर वह संतुष्ट नहीं है तो उसकी शिकायत को फिर से काम किया जाएगा। साथ ही सुनिश्चित किया जाएगा कि समस्या का संपूर्ण निदान हो सके।