आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। शुक्रवार को योगी सरकार ने तेजी से बढ़ते संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए पूर्व की तरह ही सरकारी व प्राइवेट कार्यालयों में पचास प्रतिशत कर्मचारी बुलाने का निर्देश दिया है,जबकि बाकी के 50 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे। हालांकि ये निर्देश अभी प्रदेश के चार शहर के लिए जारी किए गए हैं।
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने प्रेसवार्ता के दौरान मीडिया को जानकारी देते हुए बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर ज्यादा संक्रमण वाले चार जिलों में सरकारी व निजी कार्यालयों में 50 प्रतिशत कर्मचारी ही बुलाए जाएंगे। सीएम योगी ने लखनऊ, कानपुर, वाराणसी व प्रयागराज में ये व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक टीकाकरण उत्सव मनाया जाएगा। इसमें सभी जिलों में सरकारी व निजी कार्यालयों में स्वास्थ्य विभाग की टीम जाकर 45 पार लोगों को टीका लगाएगी। सरकार की तरफ से कोविड-19 से बचाव के लिए प्रदेश के विभागों के समस्त स्तरों के कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित किए जाने के लिए दिशा-निर्देश जारी हो गए हैं।
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जबकि मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए बचाव एवं रोकथाम की सटीक जानकारी एवं सरकार की सुविधाओं की सूचना प्रत्येक स्तर पर पहुंचाए जाने के लिए सभी विभागों के समस्त स्तरों महानिदेशालय, निदेशालय, मण्डल एवं जनपदस्तरीय कार्यालय, ब्लाक स्तरीय के कार्यालयों/सम्बद्ध या सहयोगी संस्थाओं के कार्यालयों में जहां अधिक संख्या में नागरिक नियमित सेवाओं के लिए आते हैं। कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने के संबंध में पूर्व में दिशा-निर्देश दिए गये थे। हर जगह कोविड हेल्प डेस्क पर एक कर्मचारी की रोस्टर के आधार पर दो सप्ताह के लिए तैनाती की जाएगी। दो सप्ताह की अवधि पूर्ण होने पर दूसरे कर्मचारी को तैनात किया जाएगा। हेल्प डेस्क पर तैनात कर्मी को कोविड-19 के लिए अपेक्षित सामान्य जानकारी दी जाएगा।
इसके अलावा कोविड हेल्प डेस्क पर तैनात कर्मचारी के द्वारा नियमित रूप से मॉस्क एवं ग्लब्स पहना जाएगा तथा आगंतुकों से सम्पर्क करते समय न्यूनतम दो गज की दूरी बनाए रखने की व्यवस्था की जाएगी। कोविड हेल्प डेस्क पर सैनिटाइजर थर्मल स्कैनर एवं पल्स आक्सीमीटर की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाएगा। लक्षणात्मक लोगों के ऑक्सीजन सेचुरेशन की जांच पल्स ऑक्सीमीटर से की जाएगी। जिसके लिए संबंधित कर्मी को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसकी रीडिंग 94 प्रतिशत से कम आने पर प्रकरण मुख्य चिकित्साधिकारी, निकटस्थ सीएसी, जिला चिकित्सालय को बताया जाएगा। हर इस्तेमाल के बाद पल्स आक्सीमीटर को हाइड्रोजन पराक्साइड से सैनेटाइज किया जाएगा। कोविड हेल्प डेस्क सभी कर्मियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने एवं इसका सक्रिय उपयोग करने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।