गोधरा कांड के बाद हुए दंगे के 28 आरोपित सबूत के अभाव में बरी

दंगे की प्रतीकात्मक फोटो।
दंगे की प्रतीकात्मक फोटो।

आरयू वेब टीम।

गोधरा कांड के बाद हुई भीषण सांप्रदायिक हिंसा के सभी 28 आरोपितों को आज कोर्ट ने बरी कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार गांधीनगर की अदालत ने ठोस सुबूतों के अभाव में सभी अभियुक्तों को बरी किया है।

बरी होने वालों में कलोल नागरिक सहकारी बैंक के चेयरमैन गोविंद पटेल भी शामिल हैं। उल्‍लेखनीय है कि सभी अभियुक्त काफी समय से जमानत पर थे।

गौरतलब है कि गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को जलाये जाने की घटना के अगले दिन गुजरात के गांधीनगर जिले में कलोल तालुका के पलियाद गांव में आगजनी, दंगे और अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया गया था।

इस कांड में 28 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इसके अलावा 28 लोगों को एक दरगाह के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचाने का भी अभियुक्त बनाया गया था। पुलिस के मुकदमे के मुताबिक, दरगाह पर गांव के करीब 250 लोगों ने हमला किया था।

कहा जाता है कि इस भीड़ में ये 28 अभियुक्त भी शामिल थे। आज फैसला सुनाते हुए कलोल के अतिरिक्त जिला जज ने कहा कि अभियुक्तों के खिलाफ पर्याप्त सुबूत उपलब्ध नहीं ह। घटना के गवाह भी यह कहते हुए पलट गए कि भीड़ का हिस्सा रहे अभियुक्तों की पहचान कर पाने में वे समर्थ नहीं हैं।

गवाहों ने अदालत के समक्ष कहा कि अब उनकी किसी के साथ दुश्‍मनी नहीं है क्योंकि अभियुक्तों के साथ पहले ही उनका समझौता हो गया है। पिछली सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने भी अदालत को जानकारी दी थी कि अभियुक्तों ने समझौता फार्मूला के तहत अल्पसंख्यक समुदाय को हुए नुकसान की भरपाई कर दी है।