आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अगामी दिसंबर तक दस लाख युवाओं को रोजगार देने वाले बयान को सोमवार को राष्ट्रीय लोक दल ने मात्र एक धोखा करार दिया है। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने आज अपने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं को रोजगार देते-देते रोजगार पटल से गायब हो चुके हैं, वो अब रोजगार की बात नहीं करते हैं, लेकिन अब उनकी जगह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के युवाओं को दस लाख रोजगार देने का नया और झूठा प्रलोभन दिया है।
युवाओं को करनी है इसकी परीक्षा
उन्होंने तंज कसते हुए आगे कहा कि यदि इस बात की सच्चाई पता की जाए तो ये भी एक चुनावी स्लोगन की तरह ही साबित होगा। हमला जारी रखते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया से कहा कि जब भाजपा यूपी के चुनाव में जारी अपने घोषणा पत्र का एक भी संकल्प सही ढंग से पूरा नहीं कर सकी हो ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री के इस बात की परीक्षा युवाओं को करनी है।
लाखों पद खाली, लेकिन सरकार बचा रही पैसा
मसूद अहमद ने आगे कहा कि निवेशकर्ताओं के बल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री फूले नहीं समा रहे हैं। वास्तविकता यह है कि दूसरे की पूंजी पर खुद रोजगार देने का प्रलोभन देना शर्म की बात है, क्योंकि सरकार के सभी विभागों में लाखों नौकरियों के पद खाली पड़े हैं, जबकि संविदा कर्मचारियों के द्वारा उनकी पूर्ति करके सरकार प्रतिमाह करोड़ों रुपए बचा रही और युवाओं के साथ धोखा कर रही है।
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प्रदेश अध्यक्ष ने बहुत अधिक बाहरी कंपनियों के आने पर भी आज सवाल उठाते हुए कहा कि अधिक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने का मतलब है कि हमारा प्रदेश और युवा केवल पूंजीपतियों के चंगुल में फंसकर रह जाएगा। जिसको बीजपी और योगी सरकार अपनी बहुत बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि सरकारी नौकरियों में नौजवानों की नियुक्ति न करना नौजवानों के साथ धोखा है।
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