आरयू ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार में भी लखनऊ विकास प्राधिकरण अपनी लापरवाह कार्यप्रणाली से बाज नहीं आ रहा। जिसका सीधा असर एलडीए की कारस्तानियों के शिकार आवंटियों के प्रार्थना पत्र में भी अब साफ दिखाई देने लगा है। ऐसा ही कुछ मामला गुरुवार को एलडीए की जनता अदालत में उस समय देखने को मिला जब कानपुर रोड निवासी 67 साल के भूतपूर्व सैनिक शिववचन सिंह ने एलडीए उपाध्यक्ष के नाम से प्रार्थना पत्र देकर अधिकारियों को अपना दर्द सुनाया।
शिववचन ने कहा कि शारदा नगर योजना के रतन खण्ड में वर्ष 2005 में उनकी पत्नी फुलझारी देवी के नाम से एलडीए ने प्लॉट आवंटित किया था। प्लॉट की सभी किश्तों को चुकाने के बाद साल 2007 से प्लॉट की रजिस्ट्री के लिए एलडीए के चक्कर लगा रहे हैं। 12 बार प्राधिकरण दिवस व जनता अदालत में प्रार्थना पत्र दे चुके हैं। साथ ही एलडीए वीसी से मिलने पर भी उन्होंने कहा था कि जल्द ही कार्यवाही की जाएगी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। वहीं एलडीए के मनमानी के सामने लाचार बुजुर्ग शिववचन ने आज अपने प्रार्थना पत्र में अधिकारियों को जगाने के लिए यहां तक लिखकर दिया कि, लगता है कि उनके मरने के बाद ही एलडीए प्लॉट देगा।
क्यों नहीं समायोजित किया जा सकता है प्लॉट
इसके अलावा भूतपूर्व सैनिक ने एलडीए की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए भी कहा कि जब गोमतीनगर के आवंटियों को शारदा नगर योजना में प्लॉट एलडीए द्वारा आवंटित हो रहा है तो उनके मामले में वहां क्यों नहीं समायोजित किया जा सकता है, जबकि उनका प्लॉट तो शारदा नगर योजना के ही अंतर्गत आता है।
चार महीने बाद लगी अदालत, एलडीए मुखिया को ढूंढती रह गयी जनता
हर महीने के तीसरे गुरुवार को लगाई जाने वाली जनता अदालत लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते इस बार आज चार महीने बाद एलडीए में लग सकी थी। हालांकि इसके बाद भी एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह वहां मौजूद नहीं थे। दूसरी ओर फरियादी मुखिया के नाम लिखे प्रार्थना पत्र को लेकर एलडीए पहुंचें तो उन्हें मायूसी हाथ लगी, कई फरियादियों का कहना था कि 20 फरवरी को लगायी गयी जनता अदालत में एलडीए उपाध्यक्ष ने खुद कहा था कि जल्द ही उनकी समस्याओं का निस्तारण कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका। आज उन्होंने सोचा था कि इस विषय में वीसी से बात करेंगे, पर उनके अदालत से नदारत होने के चलते थोड़ी मायूसी हुई।
79 में चार आवंटियों को मौके पर मिली राहत
दूसरी ओर वीसी गैर मौजूदगी में सुबह दस बजे से दोपहर फरियादियों के आने तक एलडीए सचिव एमपी सिंह व अन्य अधिकारियों ने आवंटियों की फरियाद सुनी। कब्जा, रजिस्ट्री, अवैध निर्माण, फाइलें गुम होने समेत 79 आवंटियों की अन्य समस्याओं को सुनने के बाद सचिव ने चार मामलों का मौके पर निस्तारण किया।
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वहीं एलडीए के जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार एलडीए वीसी ने बाकी बचे 75 मामलों का जल्द से जल्द निस्तारण करने का संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है।
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जनता अदालत में एलडीए सचिव एमपी सिंह के अलावा अपर सचिव अनिल भटनागर, संयुक्त सचिव ऋतु सुहास, ओएसडी संदीप कुमार श्रीवास्तव, ओएसडी राजीव कुमार समेत अन्य अधिकारी व इंजीनियर मौजूद रहें।