आरयू ब्यूरो
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण के चर्चित बाबू मुक्तेश्वरनाथ ओझा से आज 15 लाख की रंगदारी मांगने की बात सामने आई है। मुक्तेश्वरनाथ के अनुसार दिन में करीब दो बजे वह प्राधिकरण के नई बिल्डिंग के दूसरे तल पर अपनी सीट पर बैठे हुए थे। तभी प्रापर्टी डीलिंग का काम करने वाले घनश्याम मिश्रा और अम्बरीश अपने दर्जनों साथियों के साथ उनके पास पहुंचे। पूर्व परिचित होने की वजह से वह उन लोगों के साथ बात करते हुए नीचे ऊतर आए।
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असलहे से लैस बदमाशों ने उनका अपहरण करने की नीयत से कार में बैठाना चाहा, लेकिन एलडीए के दूसरे कर्मचारियों ने इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को देने के साथ ही बदमाशों की घेराबंदी की तो वह खुद को मुन्ना बजरंगी का आदमी बताने के साथ ही 15 लाख नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देते हुए भाग निकले।
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दिनदहाड़े सरकारी विभाग के कर्मचारी से रंगदारी मांगने और अपहरण के प्रयास की सूचना लगते ही कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि तब तक बदमाश भाग चुके थे। चर्चा यह भी रही है कि आरोपितों का एलडीए कि किसी प्रापर्टी को लेकर भी मुक्तेश्वरनाथ से विवाद हुआ था।
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बताते चले कि मुक्तेश्वरनाथ ओझा, समीर मिश्रा समेत तीन बाबुओं को कुछ महीने पहले एक आवंटी के प्लॉट के मामले में फर्जीगिरी करने के आरोप में निलंबित किया गया है। निलंबन के बाद से ही एलडीए के अधिकारी अभी तक जांच अटकाएं है।
एसपी नार्थ विजय अनुराग वत्स ने बताया कि फिलहाल मुक्तेश्वरनाथ ओझा की तहरीर पर पुलिस धनश्याम मिश्रा और अम्बरीश समेत अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज घटनास्थल के आसपास के सीसी टीवी फुटेज निकलवाने के साथ ही मामले की छानबीन कर रही है।