आरयू ब्यूरो, लखनऊ। भ्रष्टाचार के लिए आए दिन चर्चा में रहने वाले लखनऊ विकास प्राधिकरण में एक बार फिर करीब 18 लाख रुपए की ठगी का बेहद गंभीर मामला सामने आया है। एलडीए में फर्जी अफसरों से मिलाने व गोमतीनगर में प्लॉट दिलाने के बहाने उनके नाम पर की गयी इस ठगी के मामले में एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बाबू विनोद कुमार शुक्ला को निलंबित कर दिया है। एलडीए मुख्यालय में अफसरों के नाक के नीचे हुई इस ठगी की बात सामने आने के बाद अधिकारी इस मामले में खुलकर बोलने से बच रहें हैं।
बताया जा रहा है कि इंदिरानगर क्षेत्र की प्रकाश लोक कॉलोनी निवासी श्याम प्रकाश गुप्ता ने कुछ दिन पूर्व अनुरक्षण में तैनात बाबू विनोद कुमार शुक्ल व करीब दो साल से निलंबित चल रहे एक अन्य बाबू पर आरोप लगाते हुए शिकायत की थी कि गोमतनीगर विस्तार में प्लॉट दिलाने के बहाने उनसे 17 लाख 75 हजार रुपए की ठगी की गयी है।
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भुक्तभोगी श्याम प्रकाश का आरोप है कि गोमतीनगर विस्तार में प्लॉट दिखाने के साथ ही उसकी डीलिंग के बहाने बाबू ने उन्हें कई बार गोमतीनगर स्थित एलडीए मुख्यालय बुलाया था। यहां तीन अन्य लोगों को एलडीए का अफसर बताते हुए बाबूओं ने उनसे मुलाकात भी कराई थी। इसके साथ ही पौने 18 लाख रुपए ऐंठने के बाद उनसे और पैसों की डिमांड की जा रही थी, इस बीच पता चला कि बाबूओं ने जिन तीन लोगों को एलडीए का अफसर बताया था वह भी फर्जी है।
कुछ दिन पहले वीसी तक इस गंभीर मामले की शिकायत पहुंचने के बाद एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा से आरोपों की शुरूआती जांच कराई गयी, जिसमें मामला लगभग सही पाया गया।
डीके सिंह करेंगे मामले की जांच
उपाध्यक्ष ने बाबू विनोद कुमार को निलंबित करते हुए अनुरक्षण से हटा जनसूचना अनुभाग से संबंद्ध कर दिया है। साथ इस मामले की जांच ओएसडी डीके सिंह को सौंपी है। इंद्रमणि त्रिपाठी ने डीके सिंह को एक महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया है।
वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि बाबू के कृत्य से जनता के बीच एलडीए की छवि काफी धूमिल हुई है। विनोद कुमार शुक्ला को निलंबित करते हुए मामले में आगे की जांच कराई जा रही। इसमें जो भी अन्य लोग दोषी मिलेंगे उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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दो दिन पहले भी प्लॉट दिलाने के नाम पर पांच लाख ऐंठने वाला लिपिक हुआ था निलंबित
बताते चलें कि एलडीए में लगातार प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री करने व प्लॉट दिलाने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठने का मामला सामने आ रहा। दो दिन पहले भी प्लॉट दिलाने के नाम पर नगर निगम कर्मी ओमकार से पांच लाख रुपए ऐंठने के मामले में एलडीए के एक अन्य बाबू राजीव दिग्वे को वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने निलंबित किया था।
अफसरों की लापरवाही या मिलीभगत दे रही करप्शन को हवा!
तीन दिन में दो बाबूओं के निलंबन से जहां एलडीए में आज हड़कंप की स्थिति रही। वहीं इस तरह के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ने के पीछे भी एलडीए के अधिकारियों की लापरवाही व मिलीभगत का अंदेशा जताया जा रहा।
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साल भर बाद भी प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री करने वालों पर अधिकारी मेहरबान
उदाहरण के तौर पर बताते चलें कि गोमतीनगर के 22 प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री का मामला पिछले साल नवंबर में प्रकाश में आया था, लेकिन साल भर से अधिक का समय बीतने के बाद भी किसी न किसी बहाने से अधिकारी मामले को लटकाए हैं। जालसाजों पर अधिकारियों की मेहरबानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब 13 महीने का समय बीतने के बाद भी फर्जी रजिस्ट्री करने वाले गैंग पर कार्रवाई करना तो दूर गोमतीनगर के अपने 22 में से खाली पड़े कई प्लॉटों पर भी यह कब्जा तक नहीं ले सके, जबकि एलडीए के तमाम अफसर-इंजीनियर व करीब हजार कर्मियों की पूरी फौज खुद ही गोमतीनगर में ही बैठती है।
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वहीं इस मामले में कार्रवाई की प्रक्रिया कराने वाले एलडीए के उपसचिव माधवेश कुमार ने शुक्रवार को दावा किया है कि जल्द ही एलडीए के प्लॉटों की फर्जी रजिस्ट्री कराने वाले जालसाजों के गैंग पर मुकदमा दर्ज कराकर भूखंडों को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।