आखिरकार LDA VC के रडार पर आए टेंडर पूल कराने वाले इंजीनियर, मचा हड़कंप, सचिव की अध्‍यक्षता में कमेटी करेगी दो लाख से 19 करोड़ तक के 58 संदिग्ध टेंडरों की जांच

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आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कमीशन के चक्‍कर में नियमों को ताख पर रखकर टेंडर पूल कराने वाले एलडीए के इंजीनियर आखिकार एलडीए वीसी अभिषेक प्रकाश के रडार पर आ ही गए हैं। डीएम के साथ ही एलडीए उपाध्‍यक्ष का प्रभार संभालने वाले अभिषेक प्रकाश ने लगातार शिकायतों के सामने आने के बाद 58 संदिग्‍ध टेंडरों की जांच के लिए पांच सदस्‍यों वाली कमेटी का गठन कर दिया है। वीसी के इस कदम से चहेते ठेकेदार के जरिए टेंडर में हेरा-फेरी व पूल करने वाले इंजीनियरों में हड़कंप मच गया है।

एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार को कमेटी का अध्‍यक्ष बनाया गया है, जबकि एलडीए के नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह के अलावा तीन अन्‍य विभागों के अफसर व इंजीनियर को 58 टेंडरों की जांच कराने के लिए चुना गया है। इनमें दो लाख से लेकर लगभग 19 करोड़ रुपए तक के टेंडर शामिल हैं।

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जांच के घेर में गोमतीनगर विस्‍तार, जानकारीपुरम, बसंत कुंज, गोमतीनगर, ट्रांसपोर्टनगर, कानपुर रोड के अलावा जनेश्‍वर मिश्र, लोहिया व जागर्स पार्क के टेंडर भी शामिल हैं। इसके साथ ही आइजीपी व एलडीए बिल्डिंग की मेंनटेनेंस के टेंडर को भी वीसी ने संदिग्‍ध मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

जांच के घेरे में दो लाख से 19 करोड़ तक के टेंडर

58 संदिग्‍ध टेंडरों में जानकीपुरम विस्‍तार सेक्‍टर एक स्थित पार्क संख्‍या एक की बाउंड्रीवॉल व ग्रिल मरम्‍मत कार्य के दो लाख 13 हजार से लेकर बसंत कुंज के सेक्‍टर जे स्थित सड़क निर्माण के 18 करोड़ 87 लाख 81 हजार तक के टेंडर शामिल हैं।

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कहा जा रहा है कि 58 टेंडर में से कुछ पूर्व में हो चुके हैं, जबकि अधिकतर की फाइलें बनाकर एलडीए वीसी के पास मंजूरी के लिए चीफ इंजीनियर कार्यालय व अन्‍य जगाहों से भेजे गए हैं। फाइलों में भ्रष्‍टाचार की आशंका के बाद एलडीए वीसी ने कमेटी गठित कर दी है।

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डीएम के आदेश के अनुसार पांच सदस्‍यों वाली कमेटी एक साप्‍ताह में टेंडर से जुड़ी फाइलों की जांच करने के साथ ही टेंडर की लागत का आंकलन कर मौके का भी मुआयना करेगी। जिससे कि स्थिति साफ हो सके कि फाइलों में जो काम कराए जाने की बात कही जा रही है, वास्‍तविकता में इन कामों की आश्‍वयकता है भी या नहीं, या फिर कही काम पहले से ही तो नहीं कराया जा चुका है।

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इसके अलावा कमेटी यह भी जांच करेगी कि फाइलों में अगर काम पूरा होना दर्शाया गया है, तो काम कराया भी गया है या फिर बिना काम के ही एलडीए को आर्थिक क्षति पहुंचाने व अपनी जेब भरने के लिए फर्जी बिलिंग की गयी है।

टेंडर में भ्रष्‍टाचार के खुलासे के लिए वीसी ने इन अफसर-इंजीनियरों पर जताया भरोसा

एलडीए सचिव पवन गंगवार व नजूल अफसर आनंद कुमार सिंह के अलावा कोषाधिकारी लखनऊ, पीडब्‍ल्‍यूडी के एक्‍सईएन राजीव राय व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता अनिल सक्‍सेना पर भरोसा जताते हुए डीएम अभिषेक प्रकाश ने एलडीए में चल रहे टेंडर के डर्टी गेम से पर्दा उठाने की जिम्‍मेदारी सौंपी है।

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