आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने मंगलवार को 31 लोकसभा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है। जिनमें प्रसपा संयोजक शिवपाल यादव खुद मौजूदा सांसद व भतीजे अक्षय यादव को फिरोजाबाद से चुनाव केे मैदान टक्कर देंगे। अक्षय यादव रामगोपाल यादव के बेटे हैं और रिश्ते में शिवपाल के भतीजे हैं।
दूसरी ओर कांग्रेस से गठबंधन को लेकर इंतजार के बाद भी कोई सकारात्मक जवाब न मिलने पर आज शिवपाल की पार्टी को डॉ. अयूब खान की पीस पार्टी का समर्थन मिला। इसके अलावा कांग्रेस से गठबंधन के बाद अपना दल की कृष्णा पटेल ने शिवपाल को समर्थन दिया।
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जिसके बाद जारी प्रत्याशियों की लिस्ट से तो एक बात साफ है कि अब कांग्रेस से गठबंधन नहीं होना है, क्योंकि शिवपाल ने उन सीटों पर भी प्रत्याशी उतारे हैं जहां कांग्रेस ने उम्मीदवार खड़े किये हैं। वहीं दिलचस्प बात यह है कि फिरोजाबाद सीट से कांग्रेस ने प्रत्याशी न उतारने का ऐलान किया है। ऐसे में इस सीट पर शिवपाल के सामने बड़ी चुनौती भी होगी।
शिवपाल ने जिन 31 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं उसमे पश्चिम यूपी और रूहेलखंड की सीटें शामिल हैं। शिवपाल ने जातिगत समीकरण को भी साधा है, पहले लिस्ट में उन्होंने छह-छह मुस्लिम और यादवों को टिकट दिया है, जबकि तीन ब्राह्मण उम्मीदवार को भी मैदान में उतारा है।
वहीं आज प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया व पीस पार्टी के बीच आज गठबंधन तय हो गया। इसकी घोषणा प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव व पीस पार्टी प्रमुख डॉ. अय्यूब ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेस के जरिए की। इस दौरान शिवपाल यादव ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए हम सभी सेकुलर दलों से गठबंधन करने को तैयार थे, लेकिन कई दलों ने निजी स्वार्थ को वरीयता दी।
अब तक की सबसे निकम्मी सरकार है भाजपा सरकार
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार अब तक की सबसे निकम्मी सरकार है, इस सरकार ने युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों को ठगने का काम किया है। वर्तमान भाजपा सरकार की नीतियों और आर्थिक कुप्रबंधन के कारण देश की अर्थव्यवस्था कर्ज में कराह रही है। शिवपाल ने पत्रकारवार्ता में आगे कहा कि आज के दौर में भाजपा हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि सपा, बसपा व कांग्रेस के निजी स्वार्थ की वजह से आज भाजपा के खिलाफ निर्णायक मोर्चा नहीं बन सका।
तीनों पार्टियों ने जो लड़ाई सामूहिक शक्ति के साथ मोर्चे पर लड़ी जानी थी, उसे कमजोर कर दिया। आज जब विपक्ष को यह जरुरत है कि वह संसद से लेकर सड़क तक आम आदमी की आवाज बुलंद करे, ये पार्टियां ड्राइंग रूम में बैठकर सेक्युलर शक्तियों के खिलाफ ही षडयंत्र कर रही हैं।
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शिवपाल ने कहा कि इन्हीं सब बातों को ध्यान मेें रखकर वर्तमान में भी सेक्युलर मोर्चा के अंतर्गत सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले 40 विभिन्न दलों का एक गठबंधन बनाया है। जो लोहिया और गांधी के सपनों को साकार करने की दिशा में काम कर रहा है। इस लोकसभा में भी मैंने सपा-बसपा गठबंधन से आग्रह किया कि हमें शामिल करो, लेकिन इनके स्वार्थ से यह संभव न हो सका। अपने निर्माण के सीमित अवधि में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने अपने व्यापक जनाधार व लोकप्रियता के बल पर यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि प्रसपा के आभाव में यूपी के पॉलिटिकल स्फीयर में साम्प्रदायिक शक्तियों व सत्ता के विरुद्ध किसी भी मंच, गठबन्धन या संघर्ष की कल्पना नहीं की जा सकती। प्रसपा प्रदेश की एक बड़ी ताकत है, और साम्प्रदायिक शक्तियों के विरुद्ध सभी सीटों पर अकेले लड़ने में समर्थ है। इसी दौरान प्रसपा प्रमुख ने ऐलान किया कि उन्हें लोकसभा चुनाव में अपना दल (कृष्णा पटेल) का भरपूर समर्थन हासिल हुआ है।
प्रेस कांफ्रेस में राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी अध्यक्ष गोपाल राय, रिपब्लिकन सेना के प्रदेश अध्यक्ष श्याम कुमार, सुरेन्द्र सिंह (पीडीपी नेता), प्रसपा बौद्धिक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक मिश्र व अन्य मौजूद रहे।