आरयू वेब टीम। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरवील और उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को दिल्ली में 400 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही दिल्ली, भारत में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बसों वाला शहर बन गया है। अब दिल्ली में कुल 800 इलेक्ट्रिक बसें हो गई हैं।
वहीं 400 ई-बसें शामिल करने पर दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, ‘दिल्ली में होने जा रहा जी20 एक बहुत बड़ा आयोजन है। हमें दिल्ली को एक स्वच्छ और सुंदर शहर के रुप में पेश करना है। आज हम 400 इलेक्ट्रिक बसें शामिल कर रहे हैं।’ इससे दिल्ली में 800 इलेक्ट्रिक बसें होंगी जो देश में सबसे ज्यादा है। हमारा 2023 खत्म होने से पहले 1,000 और बसें जोड़ने का लक्ष्य है।’
15 सौ इलेक्ट्रिक बसों का दिया ऑर्डर
मंत्री के अनुसार दिल्ली सरकार ने कुल 1,500 इलेक्ट्रिक बसों का ऑर्डर दिया है, जिनमें से 921 बसों को फेम (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) योजना के तहत सब्सिडी मिली है। 12 वर्षों में इन 921 बसों की परिचालन लागत 4,091 करोड़ रुपए अनुमानित है, जिसमें केंद्र सरकार फेम सब्सिडी के रूप में 417 करोड़ रुपए प्रदान करती है, जबकि दिल्ली सरकार 3,674 करोड़ रुपये वहन करती है। शेष 579 बसें पूरी तरह से दिल्ली सरकार द्वारा खरीदी और संचालित की जाएंगी, जिसमें कुल लागत का 90 प्रतिशत दिल्ली सरकार द्वारा और दस प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा एफएएमई सब्सिडी के रूप में वहन किया जाएगा।
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दिल्ली का लक्ष्य इलेक्ट्रिक बस बेड़े को बढ़ाना
2023 के अंत तक दिल्ली का लक्ष्य अपने इलेक्ट्रिक बस बेड़े को 1,900 तक बढ़ाना है, जिससे यह विश्व स्तर पर सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बसों वाले शहरों में से एक बन जाएगा। 2025 को देखते हुए, दिल्ली में कुल 10,480 बसें रखने की योजना है, जिसमें बेड़े का 80 प्रतिशत, या 8,280 बसें इलेक्ट्रिक होंगी। इस परिवर्तन से सालाना 4.67 लाख टन सीO2 उत्सर्जन की बचत होने का अनुमान है, जिसमें 12 वर्षों में 5.6 मिलियन टन की आजीवन बचत होगी।