71 रसूखदारों के सामने हल्‍की पड़ी आपत्तियां, घरों में होगा व्‍यापार

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प्रेसवार्ता में एलडीए अपर सचिव सीमा सिंह, वीसी डा. अनूप यादव, सचिव अरूण कुमार व संयुक्‍त सचिव एनएन सिंह। (बाएं से दाएं)

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। लंबे समय से 71 रसूखदारों के आवासीय प्‍लॉट को कॉमर्शियल रूप देने की लखनऊ विकास प्राधिकरण की कोशिश सोमवार को अखिरकार प्रमुख सचिव आवास सदाकांत की अध्‍यक्षता में हुई एलडीए बोर्ड बैठक में पूरी हो गई। जबकि इन प्‍लॉटों में कई पर पहले से ही व्‍यापार हो रहा था। एलडीए ने अवैध रूप से चल रहे व्‍यापार को रोकने की जगह इन्‍हें वैध कर दिया। इनमें एलडीए के पूर्व वीसी और वर्तमान डीएम सत्‍येन्‍द्र सिंह यादव के भी प्‍लॉट हैं। राज्‍यसभा सांसद और नगर विकास सचिव समेत कई लोगों ने एलडीए के सामने आपत्ति की थी कि रिहायशी इलाकों में कॉमर्शियल गतिविधियां होने से लोगों का घरों में रहना दूभर हो जाएगा। इसके साथ ही पूरे शहर के हालात अमीनाबाद जैसे हो जाएंगे, लेकिन एलडीए को इन तर्कों से ज्‍यादा रसूखदारों को सुविधा देना बेहतर लगा। अन्‍य 258 आवेदनों पर भी एलडीए बैठक में सहमति बन गई।

नहीं बनवा पाए कॉमर्शियल बिल्डिंग में पार्किंग अब कर रहे आवासीय में दावा

शहर की सैकड़ों कामर्शियल बिल्डिंग में अब तक पार्किंग की व्‍यवस्‍था नहीं करवा पाने वाले एलडीए अधिकारियों का दावा हैं कि नियम पूरे कराने के बाद ही लैंड यूज चेंज करेंगे। इससे होने वाली आमदनी से आसपास में बेहतर सुविधा देंगे। रसूखदारों को राहत देने वाले इस प्रस्‍ताव पर एलडीए बोर्ड के सदस्‍या और बीजेपी के पार्षद के सौरभ सिंह मोनू ने भी विरोध किया था।

नए आवंटियों को राहत, घटी ब्‍याज दर

अपने सभी प्रकार के नए आवंटियों को राहत देते हुए एलडीए ने किस्‍तों की ब्‍याज दर पर कटौती की हैं। एलडीए वीसी डा. अनूप यादव और सचिव अरूण कुमार ने प्रेसवार्ता में बताया कि ईडब्‍लूएस फ्लैट में 10 की जगह 9 एलआईजी में 11 की जगह 10 एचआईजी और एमआईजी में 12 की जगह 11 इसके साथ ही व्‍यवसायिक संपत्तियों पर 15 की जगह 13 प्रतिशत ब्‍याज दर लागू होंगी। वीसी ने बताया सालों बाद भी लोग आकर अपने आवंटन को जीवित रखना चाहते हैं। ढेरों विवाद देखने के बाद अब नई नीति के तहत समय सीमा के तीन महिने बाद तक पैसा नहीं जमा करने पर आवंटन स्‍वत: निरस्‍त हो जाएगा। काफी समय से ग्राहकों की राह देख रही करीब ढाई सौ कॉ‍मर्शियल प्रापर्टियों की कीमत छह महीने तक फ्रीज करने का निर्णय बोर्ड बैठक में लिया गया।

आश्रयहीन बसंतकुंज के कब्‍जेदार होंगे नियमित

लंबे समय बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण को अखिरकार भटक रहे गरीबों की सुध आ ही गई। करीब चार सौ आवंटियों को एलडीए नए आवास बनाकर देगा। इसके साथ ही वर्तमान में वहां रह रहे 308 कब्‍जेदारों से आवास का वर्तमान मूल्‍य लेने के बाद उन्‍हें नियमित कर दिया जाएगा। कई सालों पहले बोर्ड बैठक में यह मुद्दा रखने के बाद एलडीए इसे दोबारा रखना भूल गया था।