रमाबाई के लिपिकों ने लगाई एलडीए सचिव से गुहार, कहा प्रबंधक से बचाइये साहब

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एलडीए में सचिव से शिकायत करने पहुंचे रमाबाई अम्‍बेडकर मैदान के लिपिक। फोटो- आरयू

आरयू ब्‍यूरो

लखनऊ। रमाबाई अम्‍बेडकर मैदान के प्रबंधक से परेशान होकर दर्जन भर महिला-पुरूष लिपिकों ने आज एलडीए सचिव से अपनी रक्षा के लिए गुहार लगाई है। इस दौरान एलडीए कार्यलय पहुंची महिला लिपिकों ने भी प्रबंधक डा. आशीष कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। इन लिपिकों का कहना हैं कि प्रबंधक कार्यलय टाइम के बाद भी रूकने के लिए दबाव बनाते हैं। बात नहीं मानने पर हम लोगों को चरित्र पंजिका व सेवा पुस्तिका खराब करने की धमकी देने के साथ ही तरह-तरह से प्रताडि़त किया जा रहा है।

इन हालात में डर हैं कि प्रबंधक कभी भी कोई घटना को अंजाम दे सकते है। सचिव को दिये गये शिकायती पत्र में लिपिकों ने यह भी आरोप लगाया कि 2013 में इन्‍हीं सब हरकतों के चलते उस समय प्रबंधक का सिर्फ स्‍थानान्‍तरण कर दिया गया था। जिसकी वजह से प्रबंधक के हौसले बुलंद हो गए है।

चार दिन पहले शराब पीकर की थी एक लिपिक की पिटाई

एलडीए कार्यलय पहुंचे लिपिक ओमप्रकाश ने आरोप लगाया कि 16 नवंबर की रात आठ बजे प्रबंधक ने अपने मोबाइल से फोन कर जरूरी फाइलों को निस्‍तारण के लिए कार्यलय बुलाया था। मेरे पहुंचने के बाद प्रबंधक कार्यलय में रात नौ बजे नशे की हालत में स्‍टोर कीपर रविकांत व एक अन्‍य व्‍यक्ति के साथ पहुंचे। जिसके बाद तीनों लोगों ने मिलकर मेरी बुरी तरह से पिटाई कर दी। किसी से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भगा दिया। घटना के संबंध में उसने आशियान थाने में तहरीर भी दी, लेकिन वहां से उसे क्षेत्रिय चौकी इंचार्ज के पास भेज दिया गया। अब चौकी इंचार्ज कार्रवाई के बजाए उल्‍टा हम लोगों को ही धमका रहे है।

दूसरी ओर प्रबंधक ने बताया कि लिपिक ने नशें में लखनऊ महोत्‍सव से जुड़ी फाइल फाड़ने की कोशिश की थी। हम लोगों ने उससे फाइल छिनने के साथ ही उच्‍चाधिकारियों को घटना के संबंध में जानकारी दी है। सभी आरोप निराधार हैं, जांच में सब स्‍पष्‍ट हो जायेगा।

सचिव से शिकायत करने वालों में ओमप्रकाश, सुन्‍दर सिंह, दीपक कुमार, जैनुलआबदीन अंसारी, राजकुमार संखवार, अमर वीर सिंह, प्रीति पाण्‍डेय, शगुफ्ता इजहार, सुशीला कुमारी, प्रमिला अहेरवार, संजय केसरवानी शामिल थे।

दोनों पक्षों की ओर से शिकायत आईं हैं। इस तरह की घटना किसी भी हाल में बर्दाशास्‍त नहीं की जाएगी। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरूद्ध कठोर कार्रवाई होगी।

एलडीए सचिव, अरुण कुमार