आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। अमित शाह के आज लखनऊ पहुंचने पर बुक्कल नवाब समेत समाजवादी पार्टी के दो व बसपा के एक एमएलसी के पार्टी और विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देने पर यूपी में सियासी संग्राम शुरू हो गया है। वहीं नेताओं के पार्टी छोड़ने को लेकर अखिलेश यादव ने भाजपा को इसका जिम्मेदार माना है।
गोमतीनगर विस्तार स्थित एक स्कूल के कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा के साथ ही योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा राजनीति की नैतिकता को ताख पर रख कर अलोकतांत्रिक आचरण कर रही है। बिहार, गुजरात, गोवा, मणिपुर, और उत्तर प्रदेश में जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाकर दलबदल करा रही है। जबकि यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई मंत्री अभी तक विधायक नही बन सके। उन्हें चुनाव लड़कर विधायक निर्वाचित होना चाहिए न कि विधान परिषद के सदस्यों का इस्तीफा दिलाकर उनके स्थान पर सदस्य बनने की कोशिश। यह राजनीतिक भ्रष्टाचार है।
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा लालच और दबाव डालकर दूसरी पार्टी के विधायकों को तोड़ने की राजनीति कर रही है। यह जनादेश का अपमान है। भाजपा समाजवाद और धर्म निरपेक्षता की भी विरोधी है। जातिवादी और संप्रदायवादी भाजपा की राजनीति से हमें सावधान रहना होगा।
आंदोलन कर रहे शिक्षा मित्रों के बारे में अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षा मित्रों को अपमानित किया गया। उनपर अन्याय हुआ है। इस दौरान कई शिक्षामित्रों की जाने चली गई। प्रदेश सरकार को चाहिए कि उनके आश्रितों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दे।
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अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा हमें बैकवर्ड कहती है, लेकिन हम काम में फारवर्ड है। भाजपा सरकार को आगरा एक्सप्रेस-वे और मेट्रो रेल जैसी समाजवादी सरकार की विकास परियोजनाएं उससे कम अवधि में बनाकर दिखाने की जगह समाज को तोड़ने का काम कर रही है।
इस मौके पर विधानसभा में नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद अहमद हसन, पूर्व मंत्री व मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी, रामनरेश यादव, अजीत प्रताप यादव, सुनील यादव साजन, संतोष यादव ‘सनी‘, राम जतन राजभर, विजय यादव, काशीनाथ यादव, श्याम मणि यादव, विजय यादव, राम सागर यादव, रवीन्द्र यादव मौजूद रहे।
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