आरयू वेब टीम। चीन एलएसी विवाद सुलझाने के लिए एक तरफ भारत से कूटनीतिक-सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत जारी रखने की बात कह रहा है। दूसरी तरफ भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल भी कर रहा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को आगाह किया है कि एक चीनी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में अपना कार्यालय खोला है और एलओसी (एलओसी) से लगे मुजफ्फराबाद और अथमुकम में निर्माण कार्य कर रही है।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक चीनी कंपनी मई से पहले से यहां स्थापित बंकरों की दशा-दिशा सुधार रही है। इसके पहले ऐसी खबरें भी आई थीं कि पाकिस्तान डोकलाम से सटे इलाकों में हाई-वे का निर्माण कर रहा है।
गौरतलब है कि चीन ने भारतीय सीमा के नजदीक पीएचएल-16 मल्टी बैरल रॉकेट लांचर का टेस्ट किया था। सैन्य विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि भारत को रूस से मिली एस-400 मिसाइल सिस्टम की प्रतिक्रियास्वरूप यह परीक्षण किया था। इसे वह लद्दाख से सटे अपने इलाके में तैनात करने वाला है।
सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार का इनपुट भेजा है कि पीओके में स्थित चीनी कंपनी नए बंकरों का भी निर्माण कर रही है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक चीनी कंपनियां पहले भी पीओके में कंस्ट्रक्शन का काम करती रही हैं, लेकिन एलओसी के पास पहली बार ऐसा हो रहा है। यह इलाका केल सेक्टर में पाकिस्तानी सेना की 32 डिवीजन के अंतर्गत आता है, जो पीओके की नीलम घाटी से सटा हुआ है। जाहिर है एलओसी से सटे पीओके में चीनी बंकर भारतीय सुरक्षा के लिहाज से एक चुनौती पेश कर सकते हैं।
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इसके पहले भी चीन ने राजस्थान में बीकानेर से सटी पाकिस्तानी सीमा के एक फॉरवर्ड एयरबेस को अत्याधुनिक बनाया था। साथ ही पाकिस्तानी सीमा के पास 300 से अधिक बंकरों का निर्माण किया था, जो मजबूत पत्थरों से बने थे। रोचक बात यह है कि भारतीय सीमा से सटे पाकिस्तानी इलाकों में निर्माण कार्य को चीन हमेशा चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की सुरक्षा से जोड़कर बताता है। उसका यही बयान होता है कि निर्माण कार्य सीपीईसी की सुरक्षा के लिए है, जिसे पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी और विद्रोही गुटों से खतरा है।