हत्‍या व गैंगरेप के दोषियों की रिहाई पर बोलीं बिलकिस बानो, “छीन गयी मेरी शांति, न्‍याय पर से हिल गया भरोसा”

बिलकिस बानो केस
बिलकिस बानो। (फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। गोधरा कांड के दौरान रंधिकपुर गांव में बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषियों की रिहाई और उनके सम्मान ने बिलकिस बानो को हिला दिया है। कोर्ट ने सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन 15 साल सजा पूरी होने के बाद सभी रिहा हो गए हैं। सभी दोषियों को गुजरात सरकार ने रिहाई दे दी है। इस मामले में पहली बार बिलकिस ने अपनी चुप्पी तोड़ी है।

अपने वकील शोभा गुप्ता द्वारा जारी कि एक बयान में बिलकिस ने कहा ‘मैं केवल यही कह सकती हूं कि किसी भी महिला के लिए न्याय इस तरह कैसे समाप्त हो सकता है? मुझे अपने देश की सर्वोच्च अदालतों पर भरोसा था। मुझे सिस्टम पर भरोसा था और मैं धीरे-धीरे अपने साथ हुए इस हादसे के साथ जीना सीख रही थी। इन दोषियों की रिहाई ने मेरी शांति छीन ली है और न्याय पर मेरे विश्वास को हिला दिया है।’

ये है मामला 

27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के कोच को जला दिया गया था। इस ट्रेन से कारसेवक अयोध्या से लौट रहे थे। इससे कोच में बैठे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। इसके बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे। दंगों की आग से बचने के लिए बिलकिस बानो अपनी बच्ची और परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई थीं।

बिलकिस बानो और उनका परिवार जहां छिपा था, वहां तीन मार्च 2002 को 20-30 लोगों की भीड़ ने तलवार और लाठियों से हमला कर दिया। भीड़ ने बिलकिस बानो के साथ बलात्कार किया। उस समय बिलकिस पांच महीने की गर्भवती थीं। इतना ही नहीं, उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी कर दी थी। बाकी छह सदस्य वहां से भाग गए थे। इस मामले में सीबीआइ के स्पेशल कोर्ट ने 21 जनवरी 2008 को सभी 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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बिलकिस केस के दोषियों को रिहा किया जाए या नहीं, इसके लिए गुजरात सरकार ने एक कमेटी का गठन किया था। गोधरा के कलेक्टर सुजल मायात्रा को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। वहीं इस कमेटी में पंचमहाल से भाजपा के दो विधायक, गोधरा के विधायक सी.के.राउलजी, विधायक सुमन चौहान, पंचमहाल के सांसद जसवंत सिंह राठोड समेत 11 लोगों को शामिल किया गया था।

इनकी हुई रिहाई

राधेश्याम शाह, जसवंत चतुरभाई नाई, केशुभाई वदानिया, बकाभाई वदनिया, राजीवभाई सोनी, रमेशभाई चौहान, शैलेशभाई भट्ट, बिपिन चंद्र जोशी, गोविंदभाई नाई, मितेश भट्ट और प्रदीप मोढिया को रिहा किया गया है।

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