मायावती की मांग अलवर गैंगरेप के दोषियों को मिले मौत की सजा, कांग्रेस और चुनाव आयोग पर भी साधा निशाना

गोरखपुर में दलित हत्या
बसपा सुप्रीमो मायावती। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अलवर में हुए गैंगरेप को लेकर शनिवार को कांग्रेस व पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्‍सा जाहिर करते हुए गैंगरेप के दोषियों को मौत की सजा देने की बात कही। इस दौरान मायावती ने सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस सरकार, पुलिस और प्रदेश प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की।

आज अपने एक बयान में यूपी की पूर्व सीएम ने कहा की कि यह मामला सिर्फ दलित से संबंधित नहीं है, बल्कि यह सभी महिलाओं के सम्मान से जुड़ा विषय है। वहीं इस पूर्व मुख्‍यमंत्री ने चुनाव आयोग को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने उन नेताओं के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की जो चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी करते हैं।

ये था पूरा मामला

बतातें चलें कि राजस्थान के अलवर में सामूहिक बलात्कार की घटना 26 अप्रैल को उस वक्त हुई जब महिला अपने पति के साथ मोटरसाइकिल पर जा रही थी। तभी दो बाइकसवार ने उन्हें अलवर में रोका और खेत में ले गए। यहां इन लोगों ने कथित रूप से पति की पिटाई की और महिला के साथ बलात्कार किया। पति का आरोप है कि महेश गुर्जर नाम के आरोपी ने इस घटना का अपने फोन में वीडियो भी बनाया था। इस मामले के सामने आने के बाद मंगलवार को, राजस्थान सरकार ने अलवर के पुलिस प्रमुख राजीव पाचर को हटा दिया और एक अन्य अधिकारी सरदार सिंह को निलंबित कर दिया, जो उस थाने के प्रभारी थे, जहां पीड़िता ने संपर्क किया था। इसके अलावा चार और पुलिसकर्मियों को ड्यूटी से हटाया है।

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बताया जा रहा है कि पीड़िता की मदद के मामले में देरी कर रही पुलिस के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एफआइआर दर्ज करने की मांग की है। इस मामले की जांच में देरी को लेकर राजस्थान पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। घटना 26 अप्रैल की, लेकिन एफआईआर 30 अप्रैल को दर्ज की गई और सात दिन बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू हुई। आरोप है कि चुनाव के कारण पुलिस ने इसमें देरी की। अलवर में छह मई को चुनाव हुए थे।

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लापरवाही के आरोप में एसपी और इलाके के एसएचओ का तबादला कर दिया था। मामले की जांच के लिए शुक्रवार को राष्ट्रीय एससी आयोग की टीम भी पहुंची थी जिसने लापरवाही की बात मानी है और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। राजस्थान सरकार ने भी मामले की जांच डिविजनल कमिश्नर स्तर के अधिकारी को सौंपी है। वहीं भीम आर्मी ने कल इस घटना को लेकर जयपुर में विरोध प्रदर्शन भी किया था।

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