आरयू वेब टीम। पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने मंगलवार को टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार विधायक बंगाल शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं। शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में माणिक भट्टाचार्य से पहले ममता के मंत्री पार्थ चटर्जी को भी अरेस्ट किया गया था और उनके ठिकानों से करोड़ों रुपये की रकम बरामद की गई थी।
भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के चेयरमैन थे। इसी साल जून में कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश पर उन्हें पद से हटाया गया था। माणिक भट्टाचार्य पर शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे थे, जिसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा और वहीं पर यह आदेश दिए गए। माणिक भट्टाचार्य टीएमसी के दूसरे विधायक हैं, जिन्हें ईडी ने इस मामले में अरेस्ट किया है। इस मामले में पहली गिरफ्तारी पार्थ चटर्जी की हुई थी।
वहीं इससे पहले पार्थ चटर्जी को जुलाई में गिरफ्तार किया गया था। वह टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे, लेकिन विवाद के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी और मंत्री पद से हटा दिया था। ईडी ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैटों से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम बरामद की थी। पार्थ के अलावा उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार किया है।
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सीबीआइ ने इस मामले में 27 सितंबर को टीएमसी विधायक को पूछताछ के लिए तलब किया था, लेकिन वे जांच एजेंसी के सामने हाजिर नहीं हुए थे। हालांकि अब ईडी ने उन पर शिकंजा कस दिया है। आज माणिक को ईडी की ओर से पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा।
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि माणिक भट्टाचार्य सीबीआई के सामने पेश हों। इसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट चले गए थे, जहां से उन्हें राहत मिली थी। शीर्ष अदालत ने एजेंसी को आदेश दिया था कि अगले किसी निर्णय तक कोई ऐक्शन न लिया जाए।