आरयू एक्सपोज, लखनऊ। कहा जा रहा कुछ महीनों से लखनऊ विकास प्राधिकरण सुबह से लेकर शाम तो कभी-कभी रात तक बैठक मोड में चल रहा। इन बैठकों में आलाधिकारी एलडीए का भविष्य सुनहरा बनाने के लिए न सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें कर रहें, बल्कि प्रेस नोट जारी कर मीडिया के जरिए अपनी इमेज चमकाने की पूरी कोशिश में लगे हैं। वहीं इन सबके बीच एलडीए से एक बार फिर भ्रष्टाचार व लापरवाही का ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया, जिससे साफ हो गया है कि सिर्फ भविष्य की लंबी बातें करने से कहीं ज्यादा वर्तमान में एलडीए में चल रहें भ्रष्टाचार, मनमानी व लापरवाही के खेल रोकने पर ध्यान देने की अधिकारियों को खास जरूरत है। इसके बाद ही भ्रष्टाचार व मनमानी करने वाले इंजीनियर-कर्मियों पर उनकी कुछ हनक बन पाएगी।
नीचे जानिए आखिर क्या है पूरा मामला-
अधिकारियों की व्यस्तता, लापरवाही व संरक्षण का फायदा उठाते हुए एलडीए के दस कम्युनिटी सेंटरों की लीज समाप्त होने के बाद भी इंजीनियरों ने अब तक उनका टेंडर नहीं कराया है। इनमें सबसे अधिक जोन एक के छह केंद्रों के अलावा जोन चार व पांच के भी दो-दो कम्युनिटी सेंटर शामिल हैं। इनकी लीज मार्च में समाप्त हो गयी थी, लेकिन आठ महीने बीतने के बाद भी एलडीए को बिना कोई शुल्क अदा किए ही वेंडर न सिर्फ यहां धड़ल्ले से काम कर रहे, बल्कि कुछ इसे अपने गोदाम के तौर पर भी इस्तेमाल करते रहें।
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इन समुदायिक केंद्रों का सलाना किराया करीब 25 लाख से लेकर एक करोड़ तक है, लेकिन इंजीनियर, बाबू व मौके पर तैनात सुपरवाइजरों से मिलीभगत के चलते टेंट, कैंटरिंग, लाइट या फिर फ्लॉवर डेकोरेशन के वेंडरों से एलडीए को इन आठ महीनों में फूटी कौड़ी भी नहीं मिली है। इस खेल से एलडीए को चार करोड़ रुपए से अधिक का आर्थिक नुकसान होने का आंकलन है। इनकी भरपाई कहां से होगी इस बारे में अधिकारी नहीं बोल रहें हैं, हांलाकि ‘राजधानी अपडेट’ की ओर से सवाल उठाने के बाद जल्द ही टेंडर कराने की बात कही जा रही, लेकिन अब तक आंख बंद किए क्यों बैठे, इस बारे में भी उन्हें जवाब नहीं सूझ रहा।
बिना लीज चल रहे ये कम्युनिटी सेंटर
जोन एक गोमतीनगर स्थित विराट खंड, विनम्र खंड, विराज खंड, विनय खंड व विवेक खंड के अलावा गोमतीनगर विस्तर सेक्टर एक में बिना टेंडर कराए आठ महीनों से कम्युनिटी सेंटर चल रहें हैं।
इसी तरह जोन चार के अलीगंज सेक्टर आइ व प्रियदर्शिनी योजना सेक्टर सी के अलावा जोन पांच के जानकीपुरम सेक्टर एच में भी दो सामुदायिक केंद्रों का वेंडरों द्वारा इंजीनियर-कर्मियों की मिलीभगत व संरक्षण के जरिए संचालन किया जा रहा।
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साल भर के संचालन के लिए देने थे इतने रुपए
नई दरों के अनुसार जोन एक के विराट, विनम्र, विराज व विनय खंड के अलावा गोमतीनगर विस्तार के सामुदायिक के संचालन के लिए वेंडरों को लगभग एक-एक करोड़ रुपए एलडीए के खाते में जमा कराने थे।
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वहीं जोन एक के विवेक खंड समेत जोन चार व जोन पांच के चारों सामुदायिक केंद्रों के लिए एलडीए को साल भर में करीब सवा करोड़ रुपए मिलने चाहिए थे, लेकिन आठ महीना बीतने पर वेंडरों ने एलडीए को कोई पैसा नहीं जमा किया है।
दरियादिली ऐसी कि कई जगह कर्मी भी नहीं तैनात
एलडीए के इंजीनियर व बाबूओं का वेंडरों से किस कदर याराना चल रहा इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई कम्युनिटी सेंटर पर एलडीए की ओर से कोई कर्मी ही तैनात नहीं मिला। ऐसे में वैवाहिक व अन्य कार्यक्रम के लिए बुकिंग करने वाले लोगों को सेंटर पर अवैध तरीके से कब्जा जमाए वेंडरों से न सिर्फ सेंटर की चाभी लेनी व उन्हीं को देनी भी पड़ रही थी।
कई बार टेंडर कराने को पहले भी कहा…
वहीं इस बारे में जोन एक के अधिशासी अभियंता अवनींद्र सिंह ने दावा किया कि सभी सेंटर पर कर्मी तैनात हैं, लेकिन वो कर्मियों के नाम व पद नहीं बता सकें। हांलाकि एक्सईएन ने इस खेल में क्षेत्रिय जेई, बाबू व बुकिेंग करने वाले सुपरवाइजर पर जरुर संदेह जताते हुए कहा कि इन लोगों से कई बार टेंडर कराने को पहले भी कहा जा चुका था, ध्यान नहीं देने पर फटकार लगाते हुए जल्द ही जोन एक के सभी कम्युनिटी सेंटर का टेंडर कराने का निर्देश दिया गया है।
पुराने वेंडरों को हटाते हुए एलडीए ने…
जोन चार व पांच के एक्सईएन नवनीत शर्मा ने बताया कि पुराने वेंडरों को हटाते हुए एलडीए ने सामुदायिक सेंटरों को अपने कब्जे में ले लिया है। उनके स्तर से टेंडर की फाइल भी भेजी जा चुकी है। दो महीना पहले ही उन्हें चार्ज मिला है, इससे पहले टेंडर क्यों नहीं कराए गए इस बारे में वह नहीं बता सकते।
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एलडीए को आर्थिक क्षति पहुंचाने का मामला काफी गंभीर है। इसकी विस्तार से जांच कराते हुए जो भी दोषी मिलेंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पवन कुमार गंगवार, सचिव एलडीए