आरयू वेब टीम।
बिहार के गया में हुए चर्चित आदित्य सचदेवा हत्याकांड के मामले में आज कोर्ट ने एमएलसी मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव समेत चार अभियुक्तों को आदित्य सचदेवा की हत्या करने का दोषी करार दिया है।
एडीजे प्रथम सच्चिदानंद सिंह ने आज रॉकी के अलावा उसके चचेरे भाई टेनी यादव और बॉडीगार्ड को भी आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी करार दिया है। अदालत ने रॉकी के पिता बिंदी यादव को धारा 212 के तहत यानी आरोपी को शरण देने का दोषी ठहराया है। बिंदी पहले भी अपराधिक मामलों में जेल जा चुका हैं।
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अब कोर्ट छह सितंबर को सभी को सजा सुनाएगी। वहीं फैसला आने के बाद आदित्य के पिता श्याम सुंदर सचदेवा और मां चंदा ने मीडिया से कहा कि उन लोगों को कानून के साथ ही ऊपर वाले पर हमेशा भरोसा रहा है। बेटे के जाने के बाद 16 महीने बेहद तकलीफ में काटे हैं।
उल्लेखनीय है कि स्वराजपुरी रोड का रहने वाला आदित्य सचदेवा सात मई 2016 को अपने दोस्त अंकित, आयुष, कैफी व नासिर के साथ स्विफ्ट कार से बोधगया गया था। शाम को वापसी के समय एक लैंडरोवर कार उनके पीछे चल रही थी। कहा जाता है कि लैंडरोवर के ड्राइवर ने पास मांगा, लेकिन पास नहीं मिलने पर किसी तरह से कार ओवरटेक की। कार में सवार लोगों ने आदित्य की कार को रूकवा लिया और सभी की पिटाई शुरु कर दी। घटना से घबड़ाए आदित्य और उसके दोस्त भागने लगे तभी निशानेबाज के शौकीन रॉकी ने पीछे से आदित्य के सिर में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी।
जिसके बाद मृतक के भाई आकाश सचदेवा ने घटना के समय वहां मौजूद रहे उसके दोस्तों की जानकारी के आधार पर रॉकी यादव, टेनी यादव व राजेश यादव के खिलाफ रामपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
वहीं इस मामले में सामने प्रभावशाली लोगों के होने के बाद भी आदित्य के घरवालें नहीं डरे और उन्होंने डट कर बेटे को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी। दूसरी ओर राजनीतिक परिवार के दबाव के चलते बाद में आदित्य के दोस्तों ने अभियुक्तों को अदालत में पहचानने से ही इंकार कर दिया था।
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