आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। आयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में आज सीबीआई की विशेष अदालत ने सख्त रूख अख्तेयार किया। कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री उमा भारती, लालकृष्ण आडवाणी व मुरली मनोहर जोशी समेत अन्य सभी आरोपितों को 30 मई को पेश होने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि उन सभी को पेशी के लिए पेश होना ही होगा। उनको पेशी में किसी तरह की छूट नहीं दी जा सकती।
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आज जब विशेष सीबीआई जज के समक्ष बाबरी केस की सुनवाई शुरू हुई तो उस वक्त केवल एक ही आरोपी सतीश प्रधान मौजूद थे। इस पर जज ने फटकार लगाई और कहा कि किसी को पेशी से छूट नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि अगली सुनवाई में इनके खिलाफ आरोप तय होंगे लिहाजा सभी आरोपितों को अगले हफ्ते सुनवाई में मौजूद रहना होगा।
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने निर्देश दिया था कि 1992 के बाबरी विध्वंस केस में आडवाणी, जोशी, उमा भारती और अन्य पर षडयंत्र के आरोपों को लेकर मुकदमा चलेगा और रायबरेली से मामले को लखनऊ स्थानांतरित कर दिया गया, जहां इसी से जुड़ा एक अन्य मामला भी चल रहा है, जिसके बाद से विशेष अदालत ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले की रोजाना सुनवाई 20 मई से शुरू की।
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मालूम हो कि बीते शनिवार को सीबीआई कोर्ट में राम विलास वेदान्ती (59) चंपत राय (71), बैकुंठ लाल शर्मा (88), महंत नृत्य गोपाल दास (79) और धरमदास महाराज (68) इन पांचों ने नेताओं ने सरेंडर किया। इन सभी को 20-20 हजार मुचलके पर जमानत मिल गई थी।