UP Cabinet में बुंदेलखंड व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिये कंपनी चयन समेत इन 13 प्रस्तावों पर लगी मुहर

स्‍वामी प्रसाद मौर्या से फर्क
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में सोमवार को लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में योगी ने सभी मंत्रियों को बधाई दी, जबकि अयोध्‍या फैसले के बाद शांतिपूर्ण व्‍यवस्‍था के लिए सभी सदस्यों ने सीएम को बधाई दी। इस दौरान मुख्‍यमंत्री ने  प्रदेशवासियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही यूपी कैबिनेट में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस के निर्माण के लिये कंपनी का चयन करने के साथ ही में 13 प्रस्तावों पर मुहर लगी है।

बैठक के अहम फैसले की जानकारी मीडिया को देते हुए योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह व श्रीकांत शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का पहला और दूसरा चरण विकसित करने का काम ओप्पो, तीसरा अशोका बिल्डकॉम, चौथा और पांचवा गावर कांस्ट्रक्शन और छठा पैकेज विकसित करने का काम दिल्ली बिल्डकॉम को दिया गया है।

वहीं, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के पहले चरण के विकास का काम ओप्पो ओर दूसरे चरण के विकास का काम दिलीप बिल्डकॉम को दिया गया है। इस योजना से करीब 60 हजार नौकरियों के अवसर खुलेंगे। 30 महीने में बनाने पर पांच प्रतिशत प्रमोशनल इंसेंटिव दिया जाएगा। बैठक में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे सहित कुल 13 परियोजनाओं पर मुहर लगी।

इसके अलावा यूपी नगर पालिका नियमावली को मंजूरी मिली। अभी तक नगर निगम संपत्ति उपविधि से ही नगर पालिका और नगर पंचायत में कर वसूला जाता था। अब इनकी अलग नियमावली होगी। एक महीने में ड्राफ्ट जारी होगा। आपत्तियां ली जाएंगी।

वहीं कैबिनेट बैठक में मेरठ और सिंधौली में  बन रहे 400 केवी  ट्रांसमिशन के लिये तीन बिड आये। पॉवर ग्रिड को 115 करोड़ के प्रस्ताव के आधार पर काम दिया गया। अगस्त 2021 तक पूरा होगा।

प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

योगी के कैबिनेट में यूपी सरकारी सेवक नियमावली में बदलाव को मंजूरी मिली।

साथ ही रामपुर और संभल में 765 और 400 केवी के ट्रांसमिशन लाइन का काम भी पॉवर ग्रिड को देने को मंजूरी। 2021 तक पूरा होगा। 13 जिले लाभान्वित होंगे। दोनों ही प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर होंगे।

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इसके अलावा ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित अंबेडकर विशेष रोजगार योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतों को मंजूरी। योजना का नाम अब बाबा साहेब आंबेडकर रोजगार प्रोत्साहन योजना होगा। अब टॉस्क फोर्स में कृषि उत्पादन आयुक्त की जगह ग्राम्य विकास आयुक्त होगें।

इस दौरान ई स्टाम्प नियमावली में बदलाव पर मुहर लगी, जिसके अनुसार लाइसेंस होल्डर स्टाम्प विक्रता अब कलेक्शन सेंटर होंगे। पहले 15 हजार तक का स्टाम्प बेच सकते थे। अब यह सीमा हटा दी गई है।

वहीं यूपी कैबिनेट में मदरसा आधुनिकीकरण योजना की नवीन गाइडलाइंस के अनुसार व्यय भार निर्धारण। प्रदेश में आच्छादित 7442 मदरसों को केंद्रांश 60 प्रतिशत और राज्यांश 40 प्रतिशत दिया जाएगा। अब योजना का नाम स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग एजुकेशन इन मदरसा कर दिया गया है। 213 करोड़ का भार पड़ेगा।

जबकि योगी की कैबिनेट में अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय के लिये राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में संशोधन को मंजूरी मिली है। अलीगढ़ के साथ ही एटा, कासगंज, व हाथरस इसके क्षेत्राधिकार में आएंगे।

इसके साथ ही कैबिनेट में कुशीनगर में मैत्रेय ट्रस्ट के साथ विकास योजना के एमओयू को निरस्त किया गया। 2003 में हुए समझौते को 2014 में संशोधन किया गया। 195 एकड़ जमीन दी गई। 180 एकड़ खरीदी गई और 16 एकड़ ग्राम समाज की दी गई। कसया तहसील में दी गई। 2017 तक कोई काम नहीं हुआ। लगातार नोटिस देने के बाद भी उन्होंने न डीपीआर दी और नहीं ही वित्त की व्यवस्था कैसे होगी यह बताया। अब पर्यटन विभाग इसको विकसित करेगा। बुध प्रतिमा, ध्यान केंद्र आदि विकसित करेगा।

वहीं यूपी कैबिनेट में गोरखपुर में नगर निगम का नया भवन बनाए जाने पर मुहर लगी है।

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