आरयू ब्यूरो,लखनऊ/प्रयागराज। योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी को अदालत ने नौ साल पुराने केस में एक साल की सजा सुनाई है और दस हजार का जुर्माने लगाया है। दरअसल मुट्टीगंज थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने नंदी को सजा सुनाई है। मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी दो धाराओं आईपीसी की धारा 147 और 323 में दोषी करार दिए गए हैं।
नंद गोपाल पर आइपीसी की धारा 147 में एक साल और पांच हजार जुर्माने की सुनाई सजा गई, जबकि आईपीसी की धारा 323 में छह माह की सजा पांच हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई, जबकि जुर्माना न देने पर दस-दस दिन का अलग से कारावास भुगतना पड़ेगा, हालांकि सजा के एलान के बावजूद मंत्री नंदी की विधानसभा की सदस्यता नहीं जाएगी, क्योंकि दो साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर ही सदस्यता रद्द होती है। वहीं कोर्ट ने मंत्री नंदी को मुचलके और जमानत पर रिहा भी कर दिया है।
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बता दें कि योगी के मंत्री नंदी पर साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। मंत्री नंदी पर तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह की जनसभा में हमला करने का आरोप था। आरोप है कि शहर के मुट्ठीगंज थाने में तीन मई 2014 को सपा सांसद और उम्मीदवार रेवती रमण सिंह की जनसभा चल रही थी। उस वक्त कांग्रेस पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके समर्थकों ने जनसभा में हंगामा किया।
वहीं सपा समर्थकों की लाठी-डंडों से पिटाई की। आरोप है कि नंद गोपाल गुप्ता नंदी के उकसाने पर उनके समर्थक हिंसक हो गए थे। इस हमले में समाजवादी पार्टी के कई समर्थकों को चोटे आई थी। साथ ही ये भी आरोप है कि नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके समर्थकों ने समाजवादी पार्टी के दलित कार्यकर्ताओं को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गालियां भी दी थी। सपा कार्यकर्ता वेंकटरमण शुक्ला ने नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके समर्थकों के खिलाफ मुट्ठीगंज थाने में केस दर्ज कराया था।