आरयू ब्यूरो,लखनऊ। विपरीत परिस्थितियों में खड़ा होना हमारी सांस्कृतिक ताकत है। सामूहिकता के भाव से चुनौतियों से जूझकर एक दूसरे का संबल बनना हमारी विशेषता है। हमें संघर्षों से जूझने और सामूहिकता के बल पर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राचीन पर्वों-त्योहारों की श्रृंखला और समृद्धशाली संस्कृति से मिलती है।
उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को होली के पर्व पर घण्टाघर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, होलिकोत्सव समिति की ओर से निकलने वाली “रंगभरी शोभायात्रा” के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित कर कही। इस अवसर सभी नागरिकों को होली की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सामूहिकता के भाव से उत्साह, उमंग और सकारात्मकता को एक दूसरे में बांटकर आगे बढ़ते रहेंगे तो समाज में कहीं भी कोई अभाव नहीं रहेगा। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के साथ विकास की सोच वाली सरकार भी यही कार्य करती है।
योगी ने कहा कि हमारी ऋषि परंपरा ने विशिष्ट घटनाओं को प्रासंगिक बनाकर प्रेरणा दी है। ये पर्व हमें मिलजुल कर समाज को समृद्ध बनाने तथा राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने को प्रेरित करते हैं। योगी ने कहा कि पिछले में दो सालों तक पूरी दुनिया कोरोना से प्रभावित थी। हर व्यक्ति के मन में संशय रहता था पर, आज कोरोना का भय दूर हो गया है। कोरोना पूरी तरह समाप्त है और सभी लोग उमंग व उत्साह से पर्व-त्योहार मना रहे हैं।
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने कोरोना प्रबंधन का जो उदाहरण प्रस्तुत किया, पूरी दुनिया में उसकी सराहना हुई। महामारी से कैसे लड़ा जाना चाहिए, नागरिकों के प्रति किस तरह की संवेदना होनी चाहिए, एक-एक व्यक्ति की देखभाल कैसे होनी चाहिए।
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यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि होली हो या दिवाली, रक्षाबंधन हो या शिवरात्रि या फिर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, श्रीरामनवमी. कोई भी पर्व एकाकीपन का एहसास नहीं कराता। हमारे पर्व और त्योहार सामूहिकता के दर्शन हैं। जैसे एक व्यक्ति से यज्ञ नहीं हो सकता उसी तरह से एकाकी भावना से पर्व व त्योहार भी नहीं मनाए जा सकते। उन्होंने कहा कि हमारे पर्व और त्योहार सामाजिक, सांस्कृतिक यज्ञ हैं और जब हम सामूहिकता के भाव से इसमें जुड़ते हैं तो पर्व की खुशियां कई गुना बढ़ जाती हैं।
योगी ने कहा कि भक्त प्रह्लाद, हिरण्यकश्यप और होलिका की मौजूदगी हर कालखंड में होती है। पर, परमात्मा की कृपा प्रह्लाद अर्थात धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने वाले भक्त को ही मिलती है। उन्होंने कहा कि जो राष्ट्र की भक्ति करते हैं, समाज का हित सोचते हैं और लोक कल्याणकारी कार्य करते हैं परमात्मा की कृपा उसी पर होती है। विघटनकारी, अराजक और अनुशासनहीन तत्वों पर परमात्मा की कृपा कभी नहीं होती है।