आरयू वेब टीम। नई संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर इंसाफ मांग रहें पहलवान पर की गयी पुलिस की कार्रवाई ने लोगों को गुस्सा दिला दिया है। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार माना है।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के बीच पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि पहलवान बेटियों को जबरन सड़क पर घसीटने वाली केंद्र सरकार संसदीय मर्यादाओं की दुहाई देकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही है, लेकिन बेटियों की चीख आज हुक्मरानों को नहीं सुनाई दी। हमारी बेटियों को हिरासत से छोड़ने और न्याय मिलने तक किसान गाजीपुर बॉर्डर पर डटे रहेंगे।
जो सरकार में शामिल होंगे, जेल नहीं जाएंगे
वहीं बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण की गिरफ्तारी न होने पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने मीडिया से कहा कि “देखो जो लोग सरकार में शामिल हो जाएंगे वो जेल नहीं जाएंगे। साथ कहा कि ये आंदोलन पूरी तरह से सफल है।
प्रधानमंत्री देना चाहते देश को तानाशाही का संदेश: चंद्रशेखर
दूसरी ओर कार्रवाई पर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने भी पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। आजाद ने कहा है कि नई संसद के उद्घाटन के दिन ही यौन शौषण के खिलाफ न्याय की लड़ाई लड़ रही भारत की बेटियों के लिए आवाज़ उठा रहे भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी और किसान संगठनों के नेताओं की गिरफ्तारी कराकर प्रधानमंत्री देश को तानाशाही का संदेश देना चाहते है। प्रधानमंत्री जी सुन लीजिये चाहे जितनी गिरफ्तारी करा लीजिये, बेटियों को न्याय मिलने तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
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जिसको जेल में डालना था, आजाद घूम रहा
वहीं कार्रवाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि यह डरावना है। जिसको पकड़कर जेल में डालना था वो आजाद घूम रहा है। जिनके सम्मान की रक्षा करनी थी उनको दिल्ली की सड़कों पर घसीटा जा रहा है। हमने “हिटलर के राज” के बारे में सुना था, लेकिन अब मोदी जी के शासन में उसे ही साक्षात देख रहे है, एक अपराधी को बचाने के लिये किस हद तक गिरेगी मोदी सरकार।
संघर्ष जंतर-मंतर पर ही चलेगा
भीम आर्मी चीफ ने समर्थकों से दिल्ली चलने की अपील करते हुए यह भी कहा है कि भाजपा सरकार के इशारे पर दिल्ली पुलिस ने आंदोलन के टेंट उखाड़ दिया और पहलवानों के सामान को बाहर फेंक दिया हैं। महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिये चल रहा संघर्ष जंतर-मंतर पर ही चलेगा जहां चल रहा था। सरकार किसी भी गलतफहमी में ना रहें।