आरयू वेब टीम। गौतम अडानी की अडानी समूह की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भारत में बड़ा नुकसान झेल रहे अडानी समूह अब नई परेशानी में है। समूह के शुक्रवार के कारोबारी सेशन के दौरान दस प्रतिशत तक लुढ़क गए हैं। समूह के शेयरों में गिरावट एक रिपोर्ट के बाद आई है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चल रही रिपोर्ट्स के अनुसार अदाणी समूह ने अपने अमेरिकी निवेशकों को जो रिप्रेजेंटेशन दिया है वहां के नियामकों उसकी जांच शुरू कर दी है।
शार्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के सामने आने के बाद अमेरिकी एजेंसियां इस बात का पता लगाने में जुटी है कि अडानी समूह में निवेश करने वाले अमेरिकी निवेशकों को समूह ने डिस्क्लोजर में क्या जानकारियां साझा की है। हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर विदेशी कंपनियों के जरिए समूह की कंपनियों के शेयरों के भाव में हेरफेर का आरोप लगाया था। ब्लूनबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार ब्रूकलिन, न्यूयॉर्क स्थित यूएस अटॉर्नी ऑफिस ने हाल के महीने में अडानी समूह के शेयरों में बड़ी मात्रा में निवेशित संस्थागत निवेशकों से जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है।
इन संस्थागत निवेशकों से ये पूछा गया है कि अडानी समूह ने निवेशकों को डिस्क्लोजर में क्या जानकारियां दी है। अमेरिका की सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन भी इसी तर्ज पर जांच कर रही है, हालांकि इस जांच का मतलब ये नहीं है कि किसी प्रकार की सिविल या क्रिमिनल मुकदमा दायर कर कार्रवाई शुरू की जाएगी। कई बार कानूनी एजेंसियां अपनी ओर से केवल तहकीकात करती है जिसमें कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
इस खबर के सामने आने के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च के नाटे एंडरसन ने ट्वीट कर कहा कि अमेरिका की दोनों एसेंसियां अडानी समूह के निवेशकों के डिस्क्लोजर की जांच कर रही है। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अडानी समूह पर लगाए गए आरोपों के बाद अमेरिकी एजेंसियां की अडानी समूह के बारे जुटाई जा रही जानकारियां समूह के खिलाफ बढ़ती निगरानी की ओर इशारा कर रहा है। अमेरिकी एजेंसियों की अडानी समूह के खिलाफ की जा रही इनक्वाइरी की खबर तब आई है जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर हैं और जहां उनका भव्य स्वागत किया जा रहा है।
ब्लूनबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह के प्रवक्ता ने कहा कि निवेशकों से की जा रही इनक्वाइरी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, हमारे अलग अलग जारीकर्ता समूह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि हमारे खुलासे संपूर्ण हैं, जैसा कि संबंधित जारीकर्ता के परिपत्रों में बताया गया है।
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सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन और न्यूयॉर्क यूएस अटॉर्नी ऑफिस के इस्टर्न डिस्ट्रिक्ट के प्रवक्ता ने भी इस बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है। हालांकि इस खबर के सामने आने के बाद अडानी समूह के शेयरों में एक बार फिर बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। अडानी समूह के मार्केट कैप में 52,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की गिरावट देखी जा रही है।
ये खबर तब आई है जब राष्ट्रपति जो बिडेन व्हाइट हाउस में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेहमाननवाजी कर रहे हैं। वहीं अडानी और मोदी दोनों को लेकर विपक्ष आए दिन पीएम हमलावर रहता है। अडानी की प्रगति भारत के शीर्ष निर्वाचित कार्यालय तक मोदी की अपनी राजनीतिक यात्रा को दर्शाती है।