आरयू वेब टीम। नौकरी के बदले जमीन मामले में जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका लगा है। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लालू प्रसाद यादव की संपत्ति कुर्क कर ली। संपत्तियों में यादव परिवार की दिल्ली और पटना की संपत्ति शामिल है, जिसमें न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक घर भी शामिल है। ऐसा तब हुआ है जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने सोमवार को नौकरी के लिए भूमि घोटाले के संबंध में अपनी नई चार्जशीट में लालू यादव और राबड़ी देवी के अलावा बिहार के डिप्टी सीएम और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव का नाम लिया है। आरोप पत्र, जिसमें 14 अन्य लोगों के भी नाम हैं, मामले में दूसरा आरोप पत्र है।
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर आरोप पत्र में आरोप लगाया गया कि तेजस्वी और राबड़ी कथित अपराध के लाभार्थी थे। उन्होंने कहा कि यादव परिवार के सदस्यों के अलावा, सीबीआई ने मामले में एके इंफोसिस्टम्स और कई बिचौलियों को भी नामित किया है। आरोपपत्र विशेष सीबीआई अदालत में दायर किया गया था। आरोप यह है कि 2004 से 2009 तक यूपीए सरकार में मंत्री के रूप में लालू प्रसाद के कार्यकाल के दौरान मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में पटना के स्थानापन्न लोगों को नियुक्त किया गया था।
क्या है मामला
2022 में दायर मामले में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने बिहार के निवासियों को रेलवे में नौकरी देने के बदले में अपने परिवार के सदस्यों को आर्थिक लाभ दिलाया। अधिकारियों के अनुसार, सीबीआई जांच में बदले की भावना से भूमि हस्तांतरण के कम से कम सात उदाहरण सामने आए।
यह भी पढ़ें- लालू यादव व राबड़ी देवी की बड़ी मुश्किलें, CBI ने नौकरी के बदले जमीन मामले में चार्जशीट दाखिल कर बनाया आरोपित
एजेंसी के मुताबिक, इन भूमि हस्तांतरणों के बदले में छह क्षेत्रों में बारह लोगों को नौकरियां मिलीं। इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाले से संबंधित एक मामले में पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और रेलवे के कुछ अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन के वास्ते मंजूरी प्राप्त करने के लिए सीबीआइ को आठ अगस्त तक का समय दिया था।