आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से पुरानी कानून-व्यवस्था लागू की गई है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर बैठक की गई। जिसमें फैसला लिया गया है कि डीएम ही कानून-व्यवस्था की बैठक लेंगे। जिसे लेकर 75 जिलों में आदेश जारी कर दिया गया है। नए आदेश के मुताबिक इन जिलों डीएम ही सुपर बॉस होंगे।
साथ ही आदेश के मुताबिक जिलाधिकारी की अनुमति के बिना कानून-व्यवस्था को लेकर फैसला अब पुलिस कप्तान नहीं कर पाएंगे। इस आदेश के बाद जिलों के पुलिस कप्तानों को बड़ा झटका लगा है। अब प्रदेश के 68 जिलों में डीएम को कानून-व्यवस्था की बैठक लेने का अधिकार होगा। बाकि सात जिलों में पुलिस कमिश्नर कानून-व्यवस्था के बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इनमें लखनऊ, कानपुर, नोएडा, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद शामिल है। इन सातों जिलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू है।
बताते चलें कि साल 2018 में भी कानून-व्यवस्था को लेकर विवाद हुआ था, लेकिन अब योगी सरकार ने जिलों की कमान जिलाधिकारी को सौंपी। जिसके बाद योगी सरकार ने ये फैसला लिया है कि अब बिना डीएम की मंजूरी के थानाध्यक्ष की तैनाती नहीं होगी। पहले पुलिस अधीक्षक ही थानों में थानाध्यक्ष की नियुक्ति करते थे, लेकिन अब उन्हें डीएम की अनुमति लेनी होगी।
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आदेश के मुताबिक, जिन सात जिलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू नहीं है। उन जिलों में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के लिए डीएम की अध्यक्षता में बैठक पुलिस लाइन पर की जाएगी। जिसमें जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक/ अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी डीजीडीसी व सभी थानाध्यक्ष प्रतिभाग करेंगे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक द्वारा कानून- व्यवस्था की बैठक स्वयं के स्तर पर जिलाधिकारी की बैठक से पूर्व कर ली जाए।