आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लिव इन रिलेशनशिप को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी खबर आ रही है। लिव इन रिलेशनशिप को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मान्यता देदी है। हाईकोर्ट ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसले पर मुहर लगाते हुए लिव इन रिलेशनशिप को मान्यता दी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में बालिग जोड़े को साथ रहने की स्वतंत्रता दे दी है।
अलग जाति-धर्म का बालिग जोड़ा भी बिना किसी रोक के साथ रह सकता
इसके साथ ही हाईकोर्ट का कहना है कि बालिग जोड़ों के माता-पिता समेत किसी दूसरे को भी उनके शांतिपूर्ण जीवन में हस्तक्षेप करने का किसी प्रकार का कोई अधिकार नहीं है। हाई कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक अगर बालिग जोड़ा अलग जाति या धर्म का भी है तो भी वह बिना किसी रोक टोक के साथ रह सकते हैं।
यह भी पढ़ें- अबॉर्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट की गुजरात HC पर तल्ख टिप्पणी, उच्च अदालत के खिलाफ कैसे सुना सकते हैं फैसला
वहीं लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों को कुछ अधिकार भी दिए गए हैं। हाई कोर्ट के अनुसार अगर कोई बालिग जोड़े के लिव इन रिलेशनशिप में रहने पर उन्हें धमकाता या फिर परेशान करता है, तो बालिग जोड़े की अर्जी पर पुलिस कमिश्नर या दूसरे अधिकारी उन्हें संरक्षण प्रदान करेंगे।