आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। राजधानी की मित्र पुलिस के शनिवार देर रात खुद ही एक दूसरे के दुश्मन हो जाने से हड़कंप मच गया। कैसरबाग कोतवाली के पास खून से लथपथ हेड कांस्टेबल ने खुद को इंस्पेक्टर डीके उपाध्याय समेत तीन अन्य पुलिसकर्मियों पर कोतवाली में ही दौड़ा-दौड़ाकर पीटने और फर्जी मामले में फंसाकर जेल भेजने का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी। घायल पुलिसकर्मी को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वहीं एसएसपी के निर्देश पर मामले की जांच सीओ कैसरबाग ने शुरू कर दी है, जबकि अनुशासन के लिए पहचाने जाने वाले पुलिस विभाग में इस तरह की घटना पर आईजी लखनऊ समेत अन्य आला आधिकारी भी गंभीर हो गए हैं।
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बताया जा रहा है कि करीब महीने भर पहले ही हेड कांस्टेबल महाराज सिंह कैसरबाग कोतवाली में तैनात किए गए थे। महाराज सिंह का आरोप है कि लिखा-पढ़ी के बारे में पूछने पर इंस्पेक्टर ने उन्हें पीटा है। इस दौरान इंस्पेक्टर का साथ कोतवाली में तैनात मुंशी राजेश, अरुण पाल और सिपाही महाराज सिंह ने भी दिया। हेड कांस्टेबल ने यह भी आरोप लगाया कि पिटाई के दौरान इंस्पेक्टर ने एसएसपी से सीधा संबंध होने का हवाला देते हुए उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाने की बात भी कही।
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एएसपी पश्चिम विकास चन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध लग रहा है। सीसीटीवी फुटेज में भी अभी तक कुछ साफ नहीं हो सका है। साथ ही बीते छह अक्टूबर को भी हेड कांस्टेबल ने एक मुंशी पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए तबियत खराब होने की बात कही थी। इसके बाद वह दो दिन अस्पताल में भी भर्ती रहा।
सीओ को जांच के लिए कहा गया है, रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अगर हेड कांस्टेबल को लखनऊ पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं होगा तो इसकी जांच अन्य मामलों की तरह दूसरे जिले की पुलिस से कराई जाएगी। जयकरन सिंह, आईजी रेंज लखनऊ
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