आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नौकरी की आस में कई वर्षो से चक्कर काट रहे मृतक के परिजनों ने नाराज होकर सोमवार को राजधानी लखनऊ में परिवहन विभाग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। ये वो लोग हैं जिनके अपने कभी इसी विभाग में नौकरी किया करते थे। लेकिन, आकस्मिक मौत की वजह से अब इस दुनिया में नहीं रहे।
परिवहन विभाग के दफ्तर प्रदेश भर से पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने मीडिया को बताया कि कई साल बीत गए, लेकिन अब तक उन्हें नौकरी की जगह बस आश्वासन ही दिया जा रहा। नौकरी की आस में भटक रहे लोगों ने बताया कि विभाग द्वारा सभी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई और मेडिकल भी कराया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी हमें जॉइनिंग नहीं मिल पा रही है। धरने पर बैठे लोगों की मांग है कि जब तक परिवहन विभाग के एमडी उनसे मिलने नहीं आते तब तक उनका धरना जारी रहेगा। धरने पर बैठे लोगों में महिलाओं और युवतियों की बड़ी संख्या है।
वहीं परिवहन विभाग के पीआरओ अजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मृतक आश्रितों की कागजी कार्रवाई पूरी कर शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया था, लेकिन अब तक शासन से जॉइनिंग का कोई भी आदेश नहीं आया है जिस वजह से मृतक आश्रितों को जॉइनिंग नहीं दी जा सकी है। अजीत का कहना है कि साल 2016 में मृतक आश्रितों की फाइलें शासन को भेजी गई थी, इसी प्रकार हर साल शासन को प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं वर्तमान समय में अगर बात की जाए तो करीब 988 ऐसे लोग हैं जिनके प्रस्ताव भेजे गए हैं।
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गौरतलब है कि किसी सरकारी दफ्तर में कार्य कर रहे व्यक्ति की अगर मौत हो जाती है तो उनके परिवार के एक व्यक्ति को नियमावली 1974 के तहत मृत व्यक्ति की जगह नौकरी दी जाती है। वहीं अब धरने पर मौजूद कई ऐसे मृतक आश्रित थे जिनके परिजन ड्राइवर या कंडक्टर थे और उनकी मौत एक्सीडेंट में हुई। मृतक आश्रितों का कहना है कि वर्षों से उन्हें बस आश्वासन ही मिलता आ रहा, लेकिन नौकरी अब तक नहीं मिल पाई। बताते चलें आर्थिक तंगी के चलते कई ऐसे लोग हैं जिनको घर चलने में भी काफी समस्याएं हो रही हैं।