ड्राइवर-कंडक्‍टर की गुंडई से मालवाहक बनी रोडवेज बस, चोटिल हुए यात्री

मालवाहक बनी रोडवेज की बस
यात्रियों को ऐसे करना पड़ा सफर।

आरयू संवाददाता, 

पीजीआइ। एक तरफ योगी सरकार यात्रियों की सुविधा के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर का बस अड्डा बनाने और नई बसें चलानें की बात कर रही है। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अधिकारी व कर्मचारी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। अधिकारियों की लापरवाही के चलते जनता के लिए सड़कों पर दौड़ने वाली बसें अब मालवाहक के रूप में बदलती नजर आ रही हैं। ऐसा ही एक नजारा रविवार को कानपुर से लखनऊ आ रही झांसी डीपो की बस संख्‍या (यूपी 93 बीटी 1692) में देखने को मिला।

दोपहर करीब एक बजे कानपुर स्टेशन से लखनऊ के लिए यात्रियों को लेकर रवाना हुई बस कानपुर बाईपास के पास पहुंचते ही मालवाहक के रूप में बदलती नजर आयी। यहां बस रूकते ही परिचालक वसूली कर दर्जनों लगेज चालक सीट से लेकर बस के दूसरे छोर तक भरने लगा, इस बीच यात्रियों के विरोध पर परिचालक उनसे लड़ने के लिए अमादा होने के साथ ही बस से उतारने की धमकी देने लगा।

यह भी पढ़ें- आगरा एक्‍सप्रेस-वे पर रोडवेज की बस ने 11 को रौंदा, BTC के छह छात्रों समेत सात की मौत, CM ने किया मुआवजे का ऐलान

मालवाहक बनी रोडवेज की बस
मनमानी बयान कर रही तस्वीर।

बस के मालवाहक बन जाने के बाद लोगों को लखनऊ पहुंचने तक काफी दिक्‍कतें हुई। उतरने-चढ़ने के दौरान जहां कई यात्री चोटिल हो गए। वहीं गत्‍ते पर चढ़ी प्‍लास्टिक की वजह से कुछ लोगों का पैर भी फिसल गया। सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत महिलओं और बुजुर्गों को हुई, कई यात्रियों को गत्‍ते पर ही खड़े होकर सफर भी करना पड़ा। हालांकि इतना सबकुछ होने के बावजूद गुंडई पर उतारु बस कंडक्‍टर और चालक की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा। जिसके बाद बस की हालत देखते हुए यात्रियों ने फोटो खींचकर वॉयरल कर दिया। कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर फैली तस्‍वीरें योगी सरकार में सरकारी विभाग की हालत बयान करने लगी।

वहीं बस में सफर कर रहे पीजीआइ निवासी 50 वर्षीय एसके सानियाल ने बताया कि कानपुर से लखनऊ आने के दौरान लोगों को काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा, जबकि बस से उतरते समय पैर फिसल जाने के चलते खुद भी उनके पैर में मोच आ गयी।

यह भी पढ़ें- मेट्रो के पिलर से टकरायी परिवहन विभाग की बस, कई यात्री घायल

वहीं बस में मौजूद गोमतीनगर निवासी संजय वर्मा ने बताया कि वह अकसर ही बस से कानपुर-लखनऊ का सफर करते हैं, आए दिन बस में ऐसे ही हालात देखने को मिलता है। यात्रियों के विरोध करने पर उन्‍हें बस से उतारने के साथ ही सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की ड्राइवर और कंडक्‍टर द्वारा धमकी तक दी जाती है। सबकुछ खुलेआम होता है, लेकिन कोई अधिकारी कभी झांकने तक नहीं आया। अधिकारियों की लापरवाही के चलते बस कर्मियों ने यात्रियों का सफर बद से बदतर कर दिया है।

यह भी पढ़ें- योगी की हरि झंडी के बाद सड़कों पर दौड़ी भगवा बसें

बताते चलें कि सुरक्षा के मद्देनजर मुख्यालय से ये साफ तौर निर्देश दिए गए हैं कि बस के अंदर किसी भी कीमत पर लगेज न रखा जाए। इसके बावजूद आए दिन इस तरह की शिकायतें आती रहती हैं।