UPPCL में पदोन्नति घोटाले पर हुई कार्रवाई, निरस्त हुआ प्रमोशन, उपसचिव निलंबित

प्रमोशन में घोटाला
प्रतीकात्‍मक फोटो।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। पावर कार्पोरेशन के पांच अधिशासी अभियंता को निर्धारित सेवा पूरी किए बिना ही अधीक्षण अभियंता बना दिया गया है। प्रमोशन में हुए इस घोटाले के मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए उपसचिव को निलंबित कर दिया गया है। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने 24 अगस्त को 40 अधिशासी अभियंताओं को अधीक्षण अभियंता के पद पर पदोन्नति दी। सूची जारी होने पर पांच अधिशासी अभियंताओं को नियमों के विपरीत पदोन्नति की शिकायत उच्च प्रबंधन से की गई। जांच में शिकायत सही मिली।

कार्पोरेशन में कार्यरत अधिशासी अभियंता अजय कुमार सिन्हा व प्रतीश प्रांजल, ट्रांसमिशन के नंद किशोर, केस्को के मदन लाल और पारेषण खंड इटावा के रजनीश कुमार की सेवा अवधि पदोन्नति के लिए अर्हकारी नहीं पाए गए। पदोन्नति के लिए सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता पद का कार्यकाल 15 साल होना चाहिए। इसके बाद ही अधीक्षण अभियंता पद पर प्रमोशन हो सकता है।

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इन अभियंताओं का विवरण भी लेखा शाखा द्वारा सत्यापन नहीं कराया गया। चयन समिति के सामने गलत विवरण रखा गया। ऐसे में इन पांचों की पदोन्नति निरस्त कर दी गई और उन्हें अधिशासी अभियंता के पद पर कार्य करने का निर्देश दिया गया है। पदोन्नति सूची तैयार करने वाले अधीक्षण अभियंता (उपसचिव) प्रशांत कुमार को निलंबित कर पावर कार्पोरेशन मुख्यालय शक्ति भवन से दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम आगरा के निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।

विस्तृत जांच शुरू
पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल का कहना है कि पांच अधिशासी अभियंताओं का नाम चयन समिति के सामने गलत तरीके से रखे गए थे। सभी की पदोन्नति निरस्त कर सूची बनाने वाले अभियंता को भी निलंबित कर दिया गया है। विस्तृत जांच कराई जा रही है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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