ग्रीन कॉरिडोर को सेना का भी ग्रीन सिग्‍नल, पिपराघाट से शहीद पथ तक बन सकेगा बंधा

एलडीए

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। ग्रीन कॉरिडोर परियोजना पार्ट-3 के अंतर्गत पिपराघाट से शहीद पथ के बीच बंधे के निर्माण का रास्ता आखिरकार साफ हो गया है। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के नेतृत्व में दिल्ली गये एलडीए अधिकारियों के साथ सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की हुयी बैठक में प्रोजेक्ट को ग्रीन सिग्‍नल मिल गया है। हालांकि इसके लिए सेना की तरफ से कुछ जरूरी मांगें भी की गयी है। जिसे उपाध्यक्ष ने प्रस्ताव में सम्मलित करते हुए अधिकारियों को फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने के आदेश दिये हैं।

प्रोजेक्ट इम्पलीमेंटेशन यूनिट (पीएमसी) प्रभारी एके सिंह सेंगर ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के पार्ट-3 के अंतर्गत पिपराघाट से शहीद पथ के बीच गोमती नदी के दाहिनें तट पर फ्लड इम्बैंकमेंट (बंधा) का निर्माण किया जाना है। जिसकी कुल लंबाई 5.8 किलोमीटर है। इसमें से बंधे का 2.8 किलोमीटर हिस्सा छावनी क्षेत्र में आ रहा, जिसके लिए सेना की करीब 21.81 हेक्टेयर जमीन प्राधिकरण को हस्तांतरित होनी है।

जमीन लेने के प्रस्ताव पर एलडीए के साथ स्थानीय स्तर पर रक्षा संपदा, सेना व सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ पूर्व में बैठक की गयी थी। जिसमें सभी की सहमति मिलने के बाद प्रस्ताव सैन्य मंत्रालय को प्रेषित किया गया था।

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बीते 23 सितंबर को इस प्रोजेक्ट को लेकर दिल्ली के साउथ ब्‍लॉक स्थित सैन्य मंत्रालय में हाईलेवल बैठक हुयी। जिसमें उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार व अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा समेत अन्य अफसर शामिल रहें। सैन्य मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी (भूमि एवं कार्य) के साथ हुयी इस बैठक से काफी पॉजिटिव नतीजा निकला है।

नये सिरे से बनाएं एलाइनमेंट

बैठक में उच्च स्तर से निर्देश दिये गये कि गंगा बाढ़ नियंत्रण परिषद के मानकों के अनुरूप बंधे के एलाइनमेंट को जितना हो सके नदी की तरफ शिफ्ट किया जाए। जिस पर उपाध्यक्ष ने संबंधित अफसरों को एक बार फिर स्थल निरीक्षण कर नये सिरे से एलाइनमेंट तैयार करने के निर्देश दिये हैं।

इसके अलावा सेना के अधिकारियों व स्‍टॉफ के सुगम आवागमन के लिए बंधे पर निर्धारित स्थानों पर रैम्प व अंडरपास बनाने के वीसी ने निर्देश दिये हैं। जिसके लिए सेना के अफसरों के साथ जल्‍द ही स्थल निरीक्षण कर स्थान चिन्हित किया जाएगा।

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जलभराव से निजात के साथ जनता को मिलेगी सीधी कनेक्‍टीविटी: प्रथमेश कुमार

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के तहत बंधे का निर्माण होने से बारिश के मौसम में सैन्य भूमि पर होने वाले जलभराव से स्थायी रूप से निजात मिल जाएगी। इससे बाढ़ से प्रभावित होने वाली सेना की उक्त जमीन की उपयोगिता भी बढ़ेगी। इसके अलावा छावनी क्षेत्र में रहने वाले सेना के अधिकारियों व जनता को एयरपोर्ट आने-जाने के लिए सीधी कनेक्टीविटी मिल जाएगी। इससे छावनी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के साथ ही शहर की बड़ी आबादी को भी फायदा होगा।

मलेशेमऊ-मकदूमपुर के ग्रामीणों को LDA देगा चबूतरा

गोमती नगर विस्तार योजना के अंतर्गत अधिग्रहित मलेशेमऊ व मकदूमपुर गांव की जमीन देने वाले किसानों को अब एलडीए चबूतरे आवंटित करेगा। लंबी समय से चली आ रही किसानों की मांग को एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने मान लिया है।

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एलडीए सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि मलेशेमऊ व मकदूमपुर गांव की जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उन्हें चबूतरे आवंटित किये जाने हैं। इसके लिए पूर्व में 452 आवेदन प्राप्त हुये थे, जिनकी फिर जांच कराने के लिए प्राधिकरण भवन में 28 सितंबर को सुबह 10 बजे से एक दिवसीय कैंप लगाया जाएगा। शिविर में समस्त आवेदकों से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त किये जाएंगे। उपाध्यक्ष महोदय द्वारा दस्तावेजों की जांच के लिए प्रभारी अधिकारी-अर्जन की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी सत्यापन करते हुए सात दिनों में पात्र व अपात्र लोगों की रिपोर्ट देगी। जिसके आधार पर पात्र लोगों को चबूतरा आवंटित किया जाएगा।