आरयू ब्यूरो, लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ऑन के विद्यालयों में चल रहे समायोजन की प्रक्रिया को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। समायोजन का इंतजार कर रहे प्रदेश के लाखों शिक्षकों को हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद तगड़ा झटका लगा है।
हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग को आदेश दिया है कि समायोजन से जुड़ी सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए और समायोजन प्रक्रिया में की गलतियों को सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। बेसिक शिक्षा विभाग में समायोजन के लिए लागू नियम लास्ट कम फर्स्ट आउट को संविधान के अनुच्छेद 14 के विरुद्ध माना है। इसके तहत नया टीचर आने के बाद वरीयता के नीचे रहता है। ट्रांसफर पॉलिसी में बाहर हो जाता है, जबकि सीनियर टीचर लंबे समय तक एक ही जगह पर तैनात रहता है।
इसको लेकर रीना सिंह और अदर्स वर्सेज स्टेट ऑफ यूपी केस में दिए गए आदेश में हाई कोर्ट ने अनुच्छेद 14 के साथ ही 16 का उल्लंघन माना है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हर बात इस प्रक्रिया के तहत जूनियर शिक्षक समायोजित हो जाता है और सीनियर शिक्षक जहां नियुक्त होता है वहीं रह जाता है।
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कोर्ट ने इस आदेश का असर सीनियर शिक्षकों पर भी पड़ेगा अब वह भी समायोजन के दायरे में आएंगे, ऐसे में बेसिक शिक्षा परिषद के 80 से 90 प्रतिशत स्कूलों पर इस आदेश का असर दिख रहा, हालांकि जानकार आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की बात कह रहे हैं।
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