आरयू ब्यूरो, लखनऊ। संभल में जामा मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा के बाद योगी सरकार और प्रशासन विरोधियों के निशाने पर आ गया है। इस बीच समाजवादी पार्टी का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज संभल जाना चाह रहे, लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी है। संभल में डीएम के आदेश पर धारा-163 लगा दी गई है। कई सपा नेताओं के घरों के बाहर पुलिस के जवान तैनात कर दिये गए हैं। इस पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर यूपी में प्रशासन के मुद्दे पर नाकाम रहने का आरोप लगाया है।
अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि ‘प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फसाद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता।
साथ ही कहा कि भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साजिशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाइ करके बर्खास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुकदमा भी चलना चाहिए।
दरअसल सपा नेता और यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे अपनी गाड़ी में संभल जाने के लिए बैठे थे, लेकिन उनकी गाड़ी को रोकने के लिए पुलिस ने दोनों तरफ पुलिस की गाड़ियां लगा कर सड़क को बंद कर दिया। प्रशासन के अधिकारी माता प्रसाद पांडे को समझाने की कोशिश करने लगे, लेकिन नेता प्रतिपक्ष अपने घर से निकलने की कोशिश में लगे रहे।
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इस दौरान माता प्रसाद पांडे ने मीडिया से कहा कि निषेधाज्ञा संभल में है, तो उन्हें लखनऊ में क्यों रोका जा रहा है? उन्होंने प्रशासन पर डरने का आरोप लगाया है। माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि तीन दिन पहले डीजीपी ने उन्हें संभल ना जाने को कहा था, लेकिन अब तीन दिन बाद फिर उन्हें रोका जा रहा है।