आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। योगीराज में सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टचार और मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे इंजीनियरों को सबक देने के लिए सिचांई मंत्री ने बड़ी कार्रवाई की है। सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के निर्देश पर शासन ने आज सिंचाई विभाग के दो अधीक्षण अभियंतओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह जानकारी सिंचाई मंत्री ने अपने कार्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान मीडिया को दी।
आगे भी होगी कार्रवाई
सिंचाई मंत्री ने बताया कि अधीक्षण अभियंता, प्रशिक्षण अकादमी, ओखला नई दिल्ली, राजेश्वर सिंह यादव व अधीक्षण अभियंता, अष्ट दशम मण्डल सिंचाई कार्य, इलाहाबाद जीसी अग्रवाल को कार्य में लापरवाही, निविदा में पारदर्शिता न बरतने व भ्रष्टाचार के कारण निलंबित किया गया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इंजीनियरों समेत कोई भी गड़बड़ी करते पकड़ा गया तो उसपर कड़ी कार्रवाई होगी।
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बताते चलें कि इलाहाबाद में अधीक्षण अभियंता के पद पर कार्यरत जीसी अग्रवाल ने निविदाएं आमंत्रित करने में भ्रष्टाचार किया था। चीफ इंजीनियर द्वारा की गई जांच में भी पाया गया था कि जीसी अग्रवाल ने अपने परिचित ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए अनावश्यक रूप से शर्तें लगाई थीं, साथ ही अल्पकालिक निविदाओं के लिए पर्याप्त समय न देकर परिचितों को फायदा पहुंचाया था। जबकि हाल ही में राजेश्वर सिंह यादव के दिल्ली, नोएडा, एटा समेत सात शहरों के ठिकानों में छापेमारी कर आयकर विभाग ने करोडों की काली कमाई का खुलासा किया था।
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नहरों की सिल्ट सफाई पर नजर रखेंगे ड्रोन
वहीं प्रेस कांफ्रेंस में नहरों के सिल्ट सफाई के बारे में बताते हुए धर्मपाल सिंह ने कहा कि बताया कि सिल्ट सफाई का कार्य शुरू हो चुका है। जिलाधिकारी को इसका उत्तरदायित्व देने के साथ ही अपनी रिपोर्ट शासन को देने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ काम सही से हो इसके लिए उसकी निगरानी ड्रोन कैमरे से की जायेगी। प्रदेश में इस कार्य को पूरा करने की समय सीमा पांच दिसंबर तथा पर्वांचल के लिए यह 15 दिसंबर तय की गयी है।
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