आरयू वेब टीम। महाराष्ट्र के परभणी में हुई हिंसा और एक दलित एक्टिविस्ट की हिरासत में मौत से महाराष्ट्र की राजनीति तेज हो गई है। इस बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को सोमनाथ सूर्यवंशी के परिवार से मुलाकात की। राहुल ने कहा कि मैं उनके परिवार और उन लोगों से मिला हूं जो मारे गए और पीटे गए। इस दौरान राहुल ने भाजपा और आरएसएस साधते हुए कहा की इनकी विचारधारा संविधान को नष्ट करने की है।
साथ ही कहा कि उन्होंने मुझे पोस्टमार्टम रिपोर्ट, वीडियो, तस्वीरें दिखाईं। साथ ही दावा किया कि ये सौ प्रतिशत हिरासत में मौत है। उनकी हत्या हुई है और मुख्यमंत्री ने पुलिस को संदेश देने के लिए विधानसभा में झूठ बोला। उनके जवान को इसलिए मार दिया गया, क्योंकि वह दलित था और संविधान की रक्षा कर रहा था। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भाजपा और आरएसएस की विचारधारा संविधान को नष्ट करने की है।
हम चाहते हैं कि यह मामला तुरंत सुलझे और जिन लोगों ने ऐसा किया है उन्हें सजा मिले। कोई राजनीति नहीं की जा रही है। राहुल ने आरोप लगाया कि विचारधारा जिम्मेदार है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने ये बयान दिया है, इसलिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं, जिन्होंने उन्हें मारा है वे जिम्मेदार हैं और जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।’
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ये मामला तब सामने आया जब दस दिसंबर को संविधान की प्रतिमा से कथित छेड़छाड़ के बाद हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा के आरोप में 300 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। इन गिरफ्तारियों में शामिल 35 साल के वकील और एक्टिविस्ट सोमनाथ सूर्यवंशी को तीन दिन बाद न्यायिक हिरासत में मृत पाया गया। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उनकी हत्या की और घटना के बारे में कोई सूचना नहीं दी।
पुलिस के अनुसार, 15 दिसंबर को एक सरकारी अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई, जहां उन्हें सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के बाद ले जाया गया था, जब वह न्यायिक हिरासत में थे और परभणी जिला केंद्रीय जेल में बंद थे। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने परभणी हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।