वित्त मंत्री ने संसद में पेश किया नया इनकम टैक्स बिल, ये होंगे बदलाव

आरयू वेब टीम। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद की लोक सभा में नया इनकम टैक्स बिल पेश कर दिया। नए इनकम टैक्स बिल को पिछले हफ्ते सात फरवरी को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई थी। आज लोकसभा में पेश होने के बाद नए इनकम टैक्स बिल को आगे की चर्चा के लिए संसदीय वित्त स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा।

निर्मला सीतारमण ने सदन में इस बिल को पेश करते हुए कहा कि नए बिल के तहत शब्दों की संख्या को घटाई गई है। लोकसभा में पेश किए गए इस नए बिल में कई अहम बदलाव किए गए हैं। इनकम टैक्स एक्ट 2025 पहले से सरल, पारदर्शी और टैक्सपेयर के अनुकूल बनाने का दावा किया गया है।

ये होगा नया

नए टैक्स नियमों बिल के पारित होने के बाद कई नए शब्दों का चलन बढ़ जाएगा। जैसे पहले फाइनेंशियल ईयर, प्रीवियस ईयर, असेसमेंट ईयर और ऐसे ही कई शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था। वहीं अब इनकी जगह टैक्स ईयर के शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे टैक्सपेयर्स को समझने में आसानी होगी।

नए बिल के तहत छूट से लकर नए नियमों को अलग-अलग सेक्शन में विस्तार से बताया गया है।नए बिल के तहत कुल 536 सेंक्शन, 16 अनुसूचियां और कुल 23 चैप्टर्स हैं।

मौजूदा कानून में कुल 14 अनुसूचियां हैं लेकिन अब नए बिल में इसकी संख्या को बढ़ाकर 16 कर दिया गया है।

सरकार ने नए आयकर विधेयक 2025 को अप्रैल 2026 से तक लागू करने का प्रस्ताव दिया है। यानी ये साफ है कि नया कानून एक अप्रैल 2026 से लागू हो सकता है।

नए कानून के तहत टोटल इनकम कैलकुलेशन के लिए होम प्रॉपर्टी और कैपिटल गेन से इनकम समेत कुछ धाराओं या अनुसूचियों के तहत कोई छूट या कटौती नहीं होगी।

नए कानून के तहत डिफेंस सर्विस जैसे आर्मी, पैरा फोर्स और अन्य कर्मचारियों को मिले ग्रेच्युटी को टैक्स से छूट दी जाएगी। मेडिकल, होम लोन, पीएफ, हायर एजुकेशन पर लोन जैसे लोन्स पर टैक्स छूट जारी रखा गया है।

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कहा जा रहा है कि नए बिल के कानून बनते ही अंग्रेजों के जमाने के ऐसे कई शब्दों का इस्तेमाल भी बंद हो जाएगा। इन शब्दों का इस्तेमाल बीते 60 साल से किया जा रहा है। साथ ही इनकम टैक्स के नियमों में इस्तेमाल की भाषा को भी सरल बनाया जाएगा ताकि कोई भी आम इंसान इसे आसानी से समझ सके।

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