अब पैक्ड पनीर, नॉन वेज, दही व मखाना पर भी देना होगा GST, ये चीजें भी दायरे में आएंगी

जीएसटी

आरयू वेब टीम। बढ़ती महंगाई की मार झेल रही जनता को महंगाई का एक और झटका लगने वाला है। दरअसल कई उत्पादों पर अब वित्त मंत्रालय ने जीएसटी लगाने का फैसला लिया है। दरअसल अलग-अलग राज्यों के मंत्रियों के गुट ने वित्त मंत्री से इस बाबत सिफारिश की थी कि कुछ उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। जिसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सुझाव को स्वीकार कर लिया है। ऐसे में जल्द ही आपको इन उत्पादों में पर पांच प्रतिशत जीएसटी अदा करनी होगी, हालांकि ये उत्पाद वो हैं जो पहले से पैक होकर आते है।

वहीं प्री पैक मीट, मछली, दही, पनीर, शहद, सूखी फलीदार सब्जियां, सूखा मखाना, अनाज एवं दालें, गुड़, लाई पर पांच फीसदी जीएसटी लगेगा। इन चीजो के अलावा जैविक खाद और कायरपीठ खाद को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा। इसपर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं दी जाएगी।

इसके अलावा बैंक जो चेक जारी करेंगे उसपर लगी फीस पर भी 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। मानचित्र,चार्ट, एटलस पर भी 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। हालांकि जो उत्पाद पैक होकर नहीं आते हैं या जिन पर लेबल नहीं होता है उसपर जीएसटी नहीं लगेगी।

वहीं होटल के कमरे का किराया अगर 1000 रुपए प्रतिदिन से अधिक है तो उसपर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। साथ ही जीएसटी काउंसिल ने सुझाव दिया है कि खाद्य तेल, कोयला, एलईडी बल्ब, प्रिंटिंग इंक, फिनिश्ड लेदर, सोलर वाटर हीटर को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाए।

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गौरतलब है कि गैर भाजपा शासित राज्य छत्तीसगढ़ ने मांग की है कि राज्यों को जीएसटी का 70-80 फीसदी हिस्सा मिलना चाहिए, जोकि मौजूदा समय में 50 फीसदी है। इसके साथ ही दो लाख रुपए से अधिक के गोल्ड, गोल्ड ज्वेलरी और महंगे स्टोन्स को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने पर इलेक्ट्रॉनिक बिल को अनिवार्य करने का सुझाव दिया है।

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