देश में फिर पैर पसार रहा कोरोना, सक्रिय मरीजों की संख्‍या हुई 257, दो सं‍क्रमितों की मौत

कोरोना वायरस

आरयू वेब टीम। हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड, चीन में कोविड के बढ़े मामलों के बीच, भारत में भी कोविड के मामले एक बार फिर सामने आ रहे हैं। भारत में कोविड के 257 सक्रिय मरीज हैं। केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में मामले बढ़ रहे हैं। इस बीच मुंबई के केईएम हॉस्पिटल में कोविड-19 से संक्रमित दो मरीजों की मौत से हड़कंप मच गया है। जबकि अब तक मुंबई महानगर क्षेत्र में 53 कोविड पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं।

बताया जा रहा है कि इसी बीच मुंबई के केईएम अस्पताल में दो मौतें हुई हैं, मौत का कारण कैंसर-किडनी की बीमारी बताई गई, लेकिन मरीज कोरोना पॉजिटिव भी थे। जानकारी के मुताबिक संक्रमण की वर्तमान लहर अभी शुरुआती स्तर पर है और मरीजों की संख्या सीमित है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और महानगरपालिका (बीएमसी) ने किसी भी संभावित संकट से निपटने के लिए व्यापक तैयारी शुरू करने का दावा कर रही है, हालांकि दावों में कितनी जान यह समय आने पर ही साफ हो सकेगा।

BMC ने बढ़ाई सतर्कता, अस्पताल तैयार

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों को अलर्ट मोड में डाल दिया गया है। मरीजों के इलाज के लिए विशेष बिस्तरों और आइसोलेशन वार्डों की व्यवस्था की गई है। सेवन हिल्स अस्पताल में 20 एमआइसीयू बेड, 20 बेड बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए और 60 सामान्य बेड तैयार किए गए हैं। इसके अलावा कस्तूरबा अस्पताल में दो आइसीयू बेड और दस बेड वाला वार्ड भी क्रियाशील है। आवश्यकता पड़ने पर इन व्यवस्थाओं को और बढ़ाया जा सकता है।

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दरअसल जनवरी 2025 से अप्रैल 2025 तक मुंबई में कोविड मामलों की संख्या बेहद कम रही। लेकिन मई माह में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। यही कारण है कि नगर निगम अब सतर्कता बरत रहा है और संक्रमण को सीमित करने के लिए सक्रिय निगरानी कर रहा है। नागरिकों से घबराने के बजाय सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।

कोविड-19 के सामान्य लक्षण

मुंबई में बढ़ते मामलों के बीच नागरिकों को कोविड-19 के लक्षणों को पहचानने और तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेने की सलाह दी जा रही है। इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

– बुखार

– सूखी खांसी या कफ के साथ खांसी

– गले में खराश

– थकान या कमजोरी

– शरीर में दर्द, सिरदर्द

– सर्दी या नाक बहना

– स्वाद या गंध का अनुभव न होना।

गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ एक चिंताजनक संकेत हो सकता है। ऐसे में मरीज को तुरंत निकटतम नगरपालिका क्लिनिक या अस्पताल में जांच करवानी चाहिए।

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