आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। हमें अपने जीवन में प्रत्येक क्षण गुरुओं के महत्व को समझना चाहिए। मनुष्य की जिंदगी में गुरू महत्वपूर्ण स्थान रखता है। व्यक्ति का कद उसके पद से नहीं कृतियों से बड़ा होता है। कद को ऊंचा करने के साथ ही हमको नया मुकाम देने में गुरु की बड़ी भूमिका होती है। माता, पिता और गुरु से हमको केवल शिक्षा ही नहीं बल्कि संस्कार मिलते हैं। जीवन के हर मोड़ पर हमें अपने माता-पिता के साथ ही गुरुओं का जिक्र करना चाहिए।
उक्त बातें गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ विश्वविद्यालय के 60वें दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में कही। उन्होंने 31 मेधावियों को मेडल और डिग्री देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में कुल 97 मेधावियों को 192 मेडल प्रदान किए गए, जिनमें 84 प्रतिशत मेडल छात्राओं के नाम हैं। मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद गृहमंत्री राजनाथ सिंह को मानद उपाधि भी प्रदान की गई।
यह भी पढ़ें- राजधानी पहुंचे राजनाथ सिंह ने कहा बिना भाजपा के मेयर के नहीं हो सकता लखनऊ का विकास
इस दौरान गृह मंत्री ने अपने अनुभवों को बताते हुए कहा कि जब मैं प्राइमरी में पढ़ता था तो एक मौलवी साहब पढ़ाते थे। जब मैं उत्तर प्रदेश का शिक्षा मंत्री बना तो मेरे घर जाते समय वो मौलवी साहब फूलों का हार लिए खड़े थे, जब मैंने उनका पैर छुआ तो वो रोने लगे।
छात्र रहते हुए मैंने कभी नहीं तोड़ी मर्यादा
अपने छात्र जीवन के विषय में बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा मैं भी बहुत तेज़ तर्रार छात्र रहा हूँ, कभी मर्यादाओं को नहीं तोड़ा। उन्होंने छात्रों को संदेश देते हुए कहा कि छात्रों कभी मर्यादाओं को मत तोड़ना इसका पालन, प्रिय ही नहीं पूज्य बनाता है। इस मौके पर उन्होंने डिग्री और मेडल्स हासिल करने वाले मेधावियों को शुभकामनाएं भी दी।
राज्यपाल के आदेश पर नहीं कर सका इंकार
मानद उपाधि पर बोलते हुए राजनाथ ने कहा कि आज यह जो उपाधि मुझे प्रदान की गई है। इसके लिए मैंने पहले ही आग्रह किया था कि मुझे यह उपाधी न दी जाए क्योंकि मैं खुद को इसके योग्य नहीं समझता हूं। मुझे मानद उपाधि देने का आदेश राज्यपाल का था इसलिए इनकार ना कर सका।
गुरू का स्थान देवता तुल्य: दिनेश शर्मा
दीक्षांत समारोह में मौजूद उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि हमारे जीवन में गुरु का स्थान देवता तुल्य है। उन्होंने मेडल व डिग्री पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि वाकई हमारे लखनऊ विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह अपने आप में बेहद अलग होता है। उन्होंने आगे कहा कि यहां से शिक्षा के क्षेत्र में देश का नाम रोशन करने वाले छात्रों के साथ ही क्रिकेटर सुरेश रैना व आरपी सिंह भी निकले हैं।
गिरने वाले गाउन और हैट नहीं: राज्यपाल
अधिकतर पदक छात्राओं के नाम हुए है ये आंकड़े महिला सशक्तिकरण का उदाहरण हैं। वहीं महिलाओं के लिए राजनीति में 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग होती रही है, लेकिन यहां के आंकड़े सिद्ध करते हैं कि स्वतंत्र रूप से महिलाएं कितनी सफलता पा रही हैं। मैंने छात्रों के लिए समय से दीक्षान्त समारोह कराने का निर्देश दिया, क्योकि सच तो यह है कि दीक्षांत के बाद जीवन की असली लड़ाई शुरू होती है। इतना ही नहीं राज्यपाल ने दीक्षांत कॉस्टयूम पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि अच्छा लग रहा है कि भारतीय वेश में दीक्षान्त समारोह हो रहे हैं, न तो गिरने वाले गाउन और न ही हैट है।
साथ ही राज्यपाल ने कहा कि मेरे अनुरोध पर गृह मंत्री ने मानद उपाधि ग्रहण की इसके लिए आभार। इसके साथ ही उन्होंने सभागार में मौजूद छात्रों आर्शिवाद के साथ ही सीख देते हुए कहा कि हिम्मत ना हारते हुए काम करते रहें तो सफलता क़दम चूमेंगी।
यह भी पढ़ें- आर्मी की तर्ज पर SSB की भी होगी अपनी इंटेलिजेंस विंग: राजनाथ सिंह