प्रियंका ने मनरेगा पर सरकार को घेरा, पूछा ‘महात्मा गांधी का नाम हटाने के पीछे क्या है मंशा’

मनरेगा
मीडिया बात करतीं प्रियंका गांधी।

आरयू वेब टीम। मोदी सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून को खत्म कर नया कानून लाने जा रही है। इसे मौजूदा शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए सूचीबद्ध भी किया गया है। बिल की कॉपी सोमवार को लोकसभा सांसदों के बीच सर्कुलेट की गई है। इसका नाम ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (वीबी-जी राम जी) बिल, 2025’ रखा गया है। इसपर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोमवार को नाम बदलने के सरकार के कदम पर घेरते हुए पूछा कि महात्मा गांधी का नाम हटाने के पीछे क्या मंशा है।

संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए, महात्मा गांधी का नाम हटाने के पीछे सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। योजना का नाम बदले जाने पर होने वाले खर्च को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि ‘महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है। महात्मा गांधी को न केवल देश में बल्कि दुनिया में सबसे बड़ा नेता माना जाता है, इसलिए उनका नाम हटाने का उद्देश्य क्या है। ये मेरी समझ में नहीं आता? उनकी मंशा क्या है?’ प्रियंका ने आगे कहा, ‘जब हम बहस भी कर रहे होते हैं तो वह लोगों के वास्तविक मुद्दों पर नहीं, बल्कि अन्य मुद्दों पर होती है। समय बर्बाद किया जा रहा है, पैसा बर्बाद किया जा रहा है, वे खुद ही व्यवधान डाल रहे हैं।’

दरअसल सरकार मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम), जो 2005 में बना था, उसे बंद करने की तैयारी में है। इसकी जगह एक बिल्कुल नया विधेयक लाया जा रहा है, जिसका नाम ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025’ (वीबी-जी राएएम जी) है। यह नया कानून ग्रामीण रोजगार के लिए एक नया ढांचा पेश करेगा और मौजूदा मनरेगा कानून की जगह लेगा।
इस विधेयक का उद्देश्य ‘विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ संरेखित एक ग्रामीण विकास ढांचा’ स्थापित करना है, जिसके तहत हर वित्तीय वर्ष में उन ग्रामीण परिवारों को 125 दिनों के वेतन-रोजगार की कानूनी गारंटी प्रदान की जाएगी, जिनके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए स्वेच्छा से तैयार होते हैं।

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यह विधेयक सोमवार को जारी लोकसभा की अनुपूरक कार्यसूची में सूचीबद्ध किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधेयक के उद्देश्य और कारणों के विवरण में कहा कि मनरेगा ने पिछले 20 वर्षों में ग्रामीण परिवारों को गारंटीशुदा वेतन-रोजगार प्रदान किया है। आगे कहा कि ग्रामीण परिदृश्य में देखे गए महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के मद्देनजर इसे और मजबूत करना आवश्यक हो गया है।

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