आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों के लिए सीटेट 2026 को लेकर राहत भरी खबर है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में अब इन शिक्षकों को सीटीईटी आवेदन के दौरान उनके विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के पूर्णांक एवं प्राप्तांक उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे लंबे समय से चली आ रही पात्रता संबंधी समस्या का समाधान हो सकेगा।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी/सीटीईटी) उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से जुड़े मामलों में स्पष्ट किया है कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है और ये प्रशिक्षण आरटीई अधिनियम लागू होने से पूर्व कराया गया था। ऐसे में इस प्रशिक्षण के आधार पर कार्यरत शिक्षकों को सीटीईटी आवेदन से वंचित नहीं किया जा सकता।
इसी क्रम में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज को पत्र भेजते हुए स्थिति स्पष्ट की है। लेटर में बताया गया है कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण उत्तीर्ण अभ्यर्थी वर्तमान में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं, इसलिए सीटीईटी आवेदन के लिए उन्हें उनके प्रशिक्षण के पूर्णांक और प्राप्तांक उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
साथ ही एससीईआरटी ने ये भी अनुरोध किया है कि प्रदेश के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को आवश्यक निर्देश जारी किए जाएं, ताकि संबंधित शिक्षकों को समय पर अंकपत्र उपलब्ध कराए जा सकें और वे बिना किसी बाधा के सीटीईटी 2026 के लिए आवेदन कर सकें।
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मालूम हो कि अब तक प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत बीएड योग्य सहायक अध्यापकों के लिए सीटीईटी 2026 में आवेदन करना एक बड़ी समस्या बना हुआ था। नियुक्ति के समय एनसीटीई के प्रावधानों के तहत इन शिक्षकों को छह माह का मान्यता प्राप्त विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण दिया गया था और इसके प्रमाण पत्र भी जारी किए गए थे। इसके बावजूद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा जारी सीटेट फरवरी 2026 की सूचना पुस्तिका में प्राथमिक स्तर (कक्षा एक से पांच) के लिए ऑनलाइन आवेदन विकल्पों में छह माह के विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं था। इसी कारण ये शिक्षक प्रश्नपत्र-1 के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे थे।
इस स्थिति को देखते हुए परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज ने एससीईआरटी से मार्गदर्शन मांगा था, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की कानूनी या तकनीकी बाधा उत्पन्न न हो। इस संबंध में एससीईआरटी के निदेशक गणेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि परिषद के सेवा नियमों में विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण का स्पष्ट उल्लेख है। इसलिए इसके अंकों के आधार पर सीटेट में आवेदन किया जा सकता है। साथ ही बताया कि इस संबंध में परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पुनः पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं।




















