आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। गुजरात में भाजपा की जीत पर अखिलेश यादव ने जनता के फैसले का सम्मान जताते हुए कहा कि भाजपा पूरे चुनाव में 150 सीट के जीत का दावा कर रही थी, जबकि परिणाम इसके उलट रहे। बीजेपी के गुजरात में 22 साल सत्ता में रहने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के मुख्यमंत्री और मंत्रीगण की फौज पूरे चुनाव गुजरात में ही डटी रही।
सपा अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता के साथ ही सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल करने के साथ-साथ चुनाव को प्रभावित करने के कई हथकंडे अपनाये गये। इस चुनाव परिणाम ने यह साफ कर दिया कि गुजरात विकास मॉडल एक छलावा था। उसका हकीकत से कोई दूर-दूर तक रिश्ता नहीं हैं। यह परिणाम भविष्य की राजनीति के लिए एक संकेत भी है कि विकास न करने वालों को जनता पसंद नहीं करती है।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि साथ ही इस चुनाव से भाजपा के जातिवादी और साम्प्रदायिक राजनीति का सच भी जनता के सामने आ गया हैं। नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुए अखिलेश यादव ने अपने बयान में कहा कि इतना ही नहीं गुजरात चुनाव प्रचार में भाजपा नेताओं ने असंसदीय बयानों और बड़बोलेपन से अपनी राजनैतिक साख को गिरा दिया हैं। सी-प्लेन के माध्यम से चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया गया है।
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उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में पैराशूट से कूदकर वोट मांगने का स्वांग करने के तरीके से विकास का क्या सम्बंध है? लोकतंत्र में लोकतांत्रिक व्यवस्था से चुनी जाने वाली व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहनी चाहिए और जनता का विश्वास उसमें मजबूत होना चाहिए। जनता का भरोसा बैलेट पेपर पर है।
वहीं भाजपा को इस बार गुजरात विधानसभा में 16 सीटो के नुकसान के बाद 99 सीट मिलने परर निशाना साधते हुए अखिलेश ने सोशल मीडिया के जरिए कहा वह आप भी देखिए-
गुजरात में भाजपा का दो अंकों में सिमट जाना उनके पतन की शुरुआत है. ये गाँव, ग़रीब और ग्रामीण की उपेक्षा का नतीजा है. ये भाजपा की तथाकथित जीत है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 18, 2017
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