आरयू वेब टीम।
राहुल गांधी ने 2017-18 में देश की जीडीपी विकास दर 6.5 फीसदी रहने के अनुमान पर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल ने आज सोशल मीडिया के माध्यम से जीडीपी का नया नामकरण किया है।
राहुल ने जीडीपी का फुलफॉम ‘ग्रॉस डिविसिव पॉलिटिक्स’ बताते हुए कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली मोदी के ग्रॉस डिविजन पॉलिटिक्स को आगे बढ़ाने में भरपूर योगदान दे रहे हैं। राहुल ने लिखा- “जेटली और मोदी की जीनियस जोड़ी ने अर्थव्यवस्था को गिराने का काम किया है।” वित्तमंत्री अरूण जेटली की बुद्धिमानी और पीएम मोदी ने भारत को ‘ग्रॉस डिविसिव पॉलिटिक्स’ दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि नए निवेश में 13 साल में सबसे निचले स्तर पर। बैंक क्रेडिट ग्रोथ में 63 साल में सबसे निचले स्तर पर। जॉब्स क्रिएशन में आठ साल के सबसे निचले स्तर पर। एग्रीकल्चर ग्रोथ में 1.7% नीचे।” दरअसल, जीडीपी ग्रोथ रेट 2017-18 में 6.5 प्रतिशत के साथ चार साल के निम्नतम स्तर पर रहने की उम्मीद जताई गई है। मुख्य रूप से कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण मोदी की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार के तहत यह सबसे कम है।
सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2016-17 में 7.1 प्रतिशत और इससे पिछले वर्ष में 8 प्रतिशत था। 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत था। इसके अलावा नए आंकड़े में साल 2017-18 के लिए जीवीए यानी ग्रॉस वैल्यू ऐडेड का अनुमान भी घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया गया है। पहले आरबीआई ने साल 2017-18 के लिए जीवीए के 6.7 होने का अनुमान लगाया था।
माना जा रहा है कि आठ नवंबर 2016 को घोषित नोटबंदी से आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा वहीं चालू वित्त वर्ष में 1 जुलाई से जीएसटी भी लागू किया गया। इसके अलावा कृषि (एग्रीकल्चर, फोरेस्ट्री और फिशिंग) की ग्रोथ घटकर 2.11% रहने का अनुमान है, जबकि 2016-17 में यह ग्रोथ 4.9 फीसदी रही थी।
बता दें कि इसके पहले राहुल गांधी ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स जीएसटी का भी फुलफॉम बताते हुए इसे गब्बर सिंह टैक्स का नाम दिया था। उन्होंने कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था मर रही है। छोटे और मध्यम व्यापारियों की रीढ़ टूट रही है।
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