आरयू वेब टीम।
मासूम प्रद्युम्न ठाकुर हत्याकांड में आरोपित बनाए गए 11वीं के नाबालिग छात्र को आज बाल न्यायालय ने जमानत देने से इंकार कर दिया। सोमवार को सेशन कोर्ट की ओर से याचिका खारिज करते हुए एडिशनल सेशन जज जसबीर सिंह कुंडु ने छात्र को राहत देने से इंकार कर दिया। इसके साथ ही आरोपित छात्र पर कोर्ट ने 21 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
अब इस हत्याकांड में अगली सुनवाई की तारीख 22 जनवरी तय की गयी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद प्रद्युमन के पिता वरुण ठाकुर के वकील अश्विनी कुमार ने कहा कि आरोपी नाबालिग छात्र की जमानत अर्जी ठुकरा दी गई है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने ये भी कहा कि अब बंद कमरें में सारी सुनवाई कैमरें के सामने होगी।
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बहस के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि इस मामले में चूंकि चार्जशीट एक महीने में दाखिल नहीं की गई है इस कारण किशोर न्याय एक्ट के तहत आरोपित को जमानत दी जाए। उन्होंने यह भी कहा की जरूरी दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। वहीं विरोध करते हुए सीबीआइ के वकील ने कहा कि सीआरपीसी के तहत चार्जशीट 90 दिनों में दाखिल की जानी चाहिए। इस केस में भी किशोर न्याय बोर्ड ने आरोपी को वयस्क करार दिया है।
बताते चलें कि गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए इस सनसनीखेज हत्याकांड के मामले में किशोर न्याय बोर्ड ने 20 दिसंबर को अपने फैसले में कहा था कि 16 वर्षीय आरोपी के खिलाफ वयस्कों की तरह मुकदमा चलेगा।
गौरतलब है कि दिसंबर 2017 में 16 वर्षीय आरोपी छात्र को जमानत नहीं देने के किशोर न्याय बोर्ड के फैसले को चुनौती देने वाली आरोपी की याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन नाबालिग आरोपी की जमानत याचिका का सीबीआई द्वारा विरोध करने पर सुनवाई छह जनवरी तक स्थगित कर दी गई थी।